शरद पवार का छगन भुजबल पर बड़ा खुलासा, मांगी माफी, लोगों से की भावुक अपील, 'उसका इतिहास...'
Maharashtra Election 2024: शरद पवार ने खुलासा किया कि पार्टी में फूट के बाद भुजबल उनके घर पहुंचे और उनके और अजित पवार के बीच सुलह कराने की पेशकश की, लेकिन वह दोबारा कभी नहीं आए.
Maharashtra Assembly Election 2024: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में पिछले साल बगावत के बाद शरद पवार ने अपने पहले विश्वासपात्र रहे छगन भुजबल के येवला निर्वाचन क्षेत्र में मंगलवार को अपनी पहली रैली को संबोधित किया और 2019 के चुनावों में 'गलत उम्मीदवार' देने के लिए लोगों से माफी मांगी. शरद पवार ने मतदाताओं से 'विश्वासघाती' को हराने की भावुक अपील की, जो पिछले साल जुलाई में भुजबल के अजित पवार के साथ जाने से उन्हें लगी गहरी चोट को दर्शाता है.
एनसीपी(एसपी) प्रमुख ने खुलासा किया कि पार्टी में फूट के बाद भुजबल उनके घर पहुंचे और उनके और अजित पवार के बीच सुलह कराने की पेशकश की, लेकिन वह दोबारा कभी नहीं आए. शरद पवार ने कहा, भुजबल की कमियों को नजरअंदाज करते हुए उन्हें नेता प्रतिपक्ष से लेकर उपमुख्यमंत्री तक कई अहम पद सौंपे गए, बावजूद इसके उन्होंने राजनीतिक शालीनता की सभी सीमाएं लांघ दीं और उन्हें धोखा दिया.
भुजबल पर भड़के शरद पवार
शरद पवार ने कहा, भुजबल का उन्हें और दिवंगत बालासाहेब ठाकरे समेत अपने राजनीतिक गुरुओं को धोखा देने का इतिहास रहा है. उन्होंने मतदाताओं से इस दलबदलू नेता को सबक सिखाने का आह्वान किया. एनसीपी(एसपी) प्रमुख ने कहा, "भुजबल ने बालासाहेब ठाकरे का मजाक उड़ाया, जिन्होंने उन्हें मुंबई का महापौर बनाया था. जब उन्हें शिवसैनिकों के हमलों का डर था, जो ठाकरे पर कटाक्ष से आहत थे, तो मैंने उनकी रक्षा की. बाद में जब उन्होंने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई, तो हमने उन्हें उम्मीदवार बनाया, लेकिन वह हार गए."
भुजबल ने 1991 में शिवसेना से नाता तोड़ लिया था और शरद पवार के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए थे. 1999 में जब शरद पवार ने एनसीपी की स्थापना की, तब भुजबल कांग्रेस छोड़ उनकी पार्टी से जुड़ गए. शरद पवार ने कहा कि जब भुजबल विधानसभा चुनाव हार गए, तो उन्होंने उन्हें विधान परिषद में भेजा और यहां तक कि उन्हें विपक्ष का नेता भी बनाया. उन्होंने कहा, "जब मैंने राकांपा की स्थापना की, तो मैंने भुजबल को पार्टी का पहला प्रदेश अध्यक्ष बनाया. मैंने उन्हें येवला से मैदान में उतारकर सरकार में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण मंत्री पद सौंपने की गलती की."
जब वो जेल गए तब मैं उनके साथ था- पवार
शरद पवार ने कहा कि भुजबल ने कुछ गलतियां कीं और उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा, लेकिन खुद को सही करने का आश्वासन देने के बाद उन्हें सरकार में वापस ले लिया गया. उन्होंने कहा, "जब उन पर कुछ आरोप लगने के बाद उन्हें जेल जाना पड़ा, तो मैं उनके साथ खड़ा रहा और यहां तक कि उन्हें महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार में एक पद भी दिया."
शरद पवार ने कहा कि जब एनसीपी दो हिस्सों में बंट गई, तो भुजबल उनके आवास पर आए और उनके और उनके भतीजे अजित पवार के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश की. उन्होंने कहा, "उन्होंने मध्यस्थता की पेशकश की और चले गए, लेकिन तब से वापस नहीं लौटे. उन्होंने अगले दिन (मंत्री पद की) शपथ भी ले ली."
शरद पवार ने कहा कि अपने आकाओं को धोखा देने वाले भुजबल येवला के लोगों से वोट मांगने आएंगे और यह तय करना आपके ऊपर है कि आप ऐसे व्यक्ति का समर्थन करेंगे या नहीं. येवला में एनसीपी (एसपी) ने माणिकराव शिंदे को भुजबल के खिलाफ मैदान में उतारा है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर को होगा, जबकि वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी. बता दें नासिक जिले में स्थित येवला में देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी है. पैठानी साड़ियों के लिए भी प्रसिद्ध इस निर्वाचन क्षेत्र में 3,26,626 मतदाता हैं, जिनमें लगभग 1.35 लाख मराठा शामिल हैं.