'हिन्दू-मुसलमान की एकता ही देश को...', महाराष्ट्र चुनाव के बीच रामदास अठावले का बड़ा बयान
Maharashtra Election 2024: रामदास अठावले का बयान ऐसे समय में आया है, जब महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है.
Maharashtra Assembly Election 2024: देश में जहां एक तरफ 'बटेंगे तो कटेंगे' जैसे नारे गूंज रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री और आरपीआई-आठवले के अध्यक्ष रामदास अठावले का एक बड़ा सामने आया है. अठावले ने कहा है कि देश हिंदू-मुस्लिम एकता से ही आगे बढ़ सकता है. इसके साथ ही उन्होंने शुक्रवार (8 नवंबर) को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर आए फैसले का भी स्वागत किया.
नासिक में रामदास अठावले ने कहा, "हम मुसलमानों का विरोध नहीं करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मुसलमानों के बारे में जो बयान दिया है उससे हम सहमत हैं. हिन्दू-मुसलमान की एकता ही देश को मजबूती से आगे बढ़ा सकती है."
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (8 नवंबर) को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे संबंधी मामले को नई पीठ के पास भेजने का निर्णय लिया. इसके साथ ही कोर्ट ने 1967 के उस फैसले को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जा सकता क्योंकि इसकी स्थापना केंद्रीय कानून के तहत की गई थी.
सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने 4:3 के बहुमत के फैसले में कहा, कोई कानून या कार्यकारी कार्रवाई जो शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना या प्रशासन में धार्मिक या भाषाई अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव करती है, संविधान के अनुच्छेद 30(1) के विरुद्ध है.
उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बटोंगे तो कटोगे' वाले बयान में महायुति में तकरार देखने को मिल रही है. जहां, एक तरफ एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने इस नारे पर सवाल खड़े किए हैं तो एकनाथ शिंदे के नेता संजय निरुपम का कहना है कि इसमें कुछ गलत नहीं है. निरुपम ने ये भी कहा कि अजित पवार अभी इसे नहीं समझ रहे हैं लेकिन आगे जरूर समझेंगे.
ये भी पढ़ें
योगी आदित्यनाथ के नारे 'कटेंगे तो बटेंगे' पर अजित पवार ने उठाए सवाल, शिंदे गुट का क्या है रुख?