महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: उद्धव ठाकरे का इतनी सीटों पर दावा, शरद गुट और कांग्रेस की बढ़ी टेंशन
Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए सभी दलों ने कमर कस ली है. सीट बंटवारे को लेकर MVA और NDA में बैठक शुरू हो चुकी है. अब क्या फॉर्मूला तय होगा इसपर सभी की नजर है.
Maharashtra Assembly Election 2024: लोकसभा चुनाव के दौरान महा विकास अघाड़ी और महायुति के बीच सीटों का बंटवारा अंतिम समय तक खींचा. 48 सीटों के आवंटन में हुई खींचतान से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि विधानसभा की 288 सीटों का बंटवारा और भी मुश्किल होगा.
उद्धव ठाकरे ने इतनी सीटों पर ठोका दावा
ABP माझा के अनुसार, विधानसभा की लगभग 125 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में ठाकरे की शिवसेना ने अभी से मोर्चा खोल दिया है. उसने मुंबई की दो-तिहाई सीटों पर भी अपना दावा ठोका है. हालांकि, लोकसभा चुनाव में कम सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद, राज्य की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस इस डिमांड को मानती है या नहीं इसपर अभी किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई है.
मुंबई में ज्यादा सीटें चाहती है शिवसेना (UBT)
हालांकि शरद पवार की एनसीपी की मुंबई में ज्यादा मौजूदगी नहीं है, लेकिन इसकी संभावना नहीं है कि कांग्रेस मुंबई में इतनी बड़ी संख्या में सीटें छोड़ेगी. जिस तरह मुंबई की सीटों पर ठाकरे ने अपना हक जताया है, उसी तरह विदर्भ की सीटों पर कांग्रेस और पश्चिम महाराष्ट्र की सीटों पर शरद पवार की एनसीपी भी दावा करेगी. इसलिए यह सीट आवंटन आसान नहीं होगा.
NDA में फंसेगा सीट शेयरिंग का फॉर्मूला?
महायुति में भी सीट आवंटन की प्रक्रिया आसान नहीं होगी. बीजेपी ने 150 से 160 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है, जबकि शिंदे ने 100 सीटों का दावा किया है. अजित पवार की एनसीपी का मानना है कि उन्हें उतनी ही सीटें मिलनी चाहिए जितनी शिंदे को मिलेंगी.
इन तीनों दलों की डिमांड को जोड़ दें तो महाराष्ट्र में विधानसभा सीटों की संख्या 100 और बढ़ानी पड़ेंगी. इसका मतलब है कि 288 सीटों का आवंटन आसान नहीं होगा.
मौजूदा संख्या को देखते हुए, बीजेपी के पास अपने और सहयोगी दलों के 114 विधायक हैं. शिंदे के साथ 50 और अजित पवार के साथ 40 विधायकों को मिलाकर केवल 200 सीटें आसानी से आवंटित की जा सकती हैं. लेकिन सवाल उठता है कि बाकी 88 सीटों का बंटवारा कैसे किया जाएगा. संख्या बल के हिसाब से सीटों का बंटवारा हुआ तो 40-42 सीटें बीजेपी को और 40 सीटें शिंदे और अजित पवार को मिलेंगी. इससे बीजेपी की संख्या 150 तक पहुंच जाएगी. लेकिन क्या शिंदे 70 और अजित पवार 60 सीटों से संतुष्ट होंगे? यह एक बड़ा प्रश्न है.
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