Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी शरद गुट ने अजित पवार गुट के लिए चुनाव आयोग से बड़ी मांग कर दी है. एनसीपी (एसपी) की नेता सुप्रिया सुले ने सुप्रीम कोर्ट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दोनों गुटों के साथ समान व्यवहार करने और उनकी पार्टी की ही तरह अजित पवार नीत प्रतिद्वंदी गुट को भी नया चुनाव चिह्न देने का अनुरोध किया.


बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने लोकसभा सदस्य सुले ने संवाददाताओं से कहा कि एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने सुप्रीम कोर्ट से नैसर्गिक न्याय की मांग की है. महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने यह कदम उठाया है.


दरअसल, अजित पवार जुलाई 2023 में कई अन्य विधायकों के साथ शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए, जिस वजह से उनके चाचा शरद पवार की एनसीपी दो गुटों में बंट गयी थी. शरद पवार द्वारा स्थापित एनसीपी का विभाजन से पहले चुनाव चिह्न 'घड़ी' था. निर्वाचन आयोग ने इस साल फरवरी में अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को एनसीपी का नाम और 'घड़ी' चिह्न आवंटित किया.


कोर्ट ने दिया था ये आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने 19 मार्च को शरद पवार नीत गुट को लोकसभा चुनावों से पहले अपने नाम के रूप में 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार' और चुनाव चिह्न 'तुरहा बजाता हुआ आदमी' का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी. सर्वोच्च अदालत ने अजित पवार गुट को निर्वाचन आयोग द्वारा आवंटित चुनाव चिह्न घड़ी के इस्तेमाल पर रोक लगाने का निर्देश देने वाली शरद पवार नीत गुट की याचिका पर यह आदेश दिया था.


25 सितंबर को होगी सुनवाई
वहीं शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और एनसीपी के दोनों गुटों को नये चुनाव चिह्न देने का अनुरोध किया. शीर्ष अदालत ने याचिका पर सुनवाई के लिए 25 सितंबर की तारीख तय की है.


'घड़ी चुनाव चिन्ह को लेकर भ्रम'
लोकसभा सदस्य सुले ने शनिवार (21 सितंबर) को यहां संवाददाताओं से कहा, "शरद पवार हमारी पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं और वह सभी निर्णय लेते हैं. एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने सुप्रीम कोर्ट से नैसर्गिक न्याय देने का अनुरोध किया है." सुले ने आगे कहा, "अदालत ने हमें अंतिम निर्णय तक 'तुरहा बजाता हुआ आदमी' चुनाव चिह्न का उपयोग करने को कहा है. वही निर्णय एनसीपी के दूसरे गुट के लिए भी लिया जाना चाहिए. 'घड़ी' चुनाव चिह्न को लेकर बड़ा भ्रम है. इसलिए हम अदालत से अनुरोध करते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले निर्णय लिया जाए."


'दोनों दलों के साथ होना चाहिए समान व्यवहार'
शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा कि एक ही चुनाव चिह्न पर दो राजनीतिक दल दावा कर रहे हैं और अदालत ने अभी तक कोई फैसला नहीं सुनाया है, इसलिए दोनों दलों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए.


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