Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की वोटिंग के बाद आए ज्यादातर एग्जिट पोल महायुति की जीत की ओर इशारा कर रहे हैं. इसको लेकर तमाम राजनीति दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है. इसी कड़ी में शिवसेना की नेता डॉ. मनीषा कायंदे ने कहा कि एग्जिट पोल के नतीजे उत्साहवर्धक हैं, हम जो काम करते हैं उसपर लोग विश्वास करते हैं, तभी लोगों ने हमें वोट दिए हैं.


वहीं मुख्यमंत्री पद को लेकर मनीषा कायंदे ने कहा कि हमारे पास मुख्यमंत्री पद की रस्सी नहीं है. हमने चुनाव से पहले भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया था. अजित पवार के बैनर उनके कार्यकर्ताओं की भावनाएं हैं और हमने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के चेहरे पर चुनाव लड़ा है. इसके साथ शिवसेना नेता ने दावा किया कि कई निर्दलीय हमारे साथ हैं, कुछ निर्दलीय प्रत्याशी भी हमारे सिंबल पर चुनाव लड़े हैं. महा विकास अघाड़ी निर्दलीय विधायकों को मजबूर कर रही है या प्रलोभन दे रही है, इसकी जांच होनी चाहिए. 


‘MVA ने महिलाओं का अपमान किया’
उन्होंने शिवसेना-यूबीटी चीफ उद्धव ठाकरे और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले पर भी निशाना साधा. मनीषा कायंदे ने एग्जिट पोल पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के बयान को लेकर तंज कसा. उन्होंने कहा कि नाना पटोले घुटनों को मोड़कर बैठे और कुछ घंटों तक इसका आनंद लेने दें. इसके अलावा उन्होंने शिवसेना-यूबीटी नेता संजय राउत के बयान पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आखिर महाराष्ट्र में डिब्बा संस्कृति किसने शुरू की.


वहीं उन्होंने कहा कि प्रकाश आंबेडकर ने दो साल पहले उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन किया था, लेकिन राउत ने आंबेडकर का अपमान किया. महा विकास अघाड़ी ने समय-समय पर महिला मतदाताओं का अपमान किया, शाइना एनसी के बारे में गलत भाषा का इस्तेमाल किया, सुवर्णा करंजेकर को बकरी कहना उचित नहीं है.


साधुओं की हत्या हुई- मनीषा कायंदे


उन्होंने कहा कि महा विकास अघाड़ी की सरकार में रंगदारी, साधुओं की हत्या और उद्योगपतियों के घरों के नीचे विस्फोटक लगाए गए. लोगों ने देखा कि महा विकास अघाड़ी ने ढाई साल में क्या-क्या किया. इसलिए लोगों ने हमें चुनने का फैसला किया है.


इसके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से गौतम अदाणी की गिरफ्तारी की मांग पर मनीषा कायंदे ने कहा कि वे अदाणी-अंबानी की बात कर रहे हैं. लेकिन, झारखंड में उनकी गठबंधन सरकार ने कई प्रोजेक्ट अदाणी को दिए हैं. राहुल विदेश जाकर भारत के खिलाफ बोलते हैं, लोग अब उन्हें गंभीरता से नहीं लेते.


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