Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के लिए इन दिनों राजनीतिक पार्टियों के बीच टिकट बंटवारे को लेकर मंथन चल रहा है. सभी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए टिकटों पार्टियां उम्मीदवारों पर दांव लगा रही हैं. ऐसे में महाराष्ट्र की एक ऐसी सीट है, जहां प्रदेश की तीनों सेनाओं के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी. 


दरअसल, यहां बात मुंबई की माहिम विधानसभा सीट की हो रही है, जहां तीन सेनाएं यानी शिवसेना, शिवसेना यूबीटी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना आमने-सामने है. मुंबई के 36 विधानसभा क्षेत्रों में से एक माहिम सीट से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने मौजूदा विधायक सदा सरवनकर को मैदान में उतारा है. 


माहिम में त्रिकोणीय मुकाबला
वहीं महेश सावंत शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार हैं, जबकि राज ठाकरे ने अपने बेटे अमित ठाकरे को मैदान में उतारा है, जो माहिम सीट से चुनावी शुरुआत कर रहे हैं. अमित ठाकरे परिवार से चुनाव लड़ने वाले तीसरे व्यक्ति होंगे. उनके पिता मनसे के प्रमुख राज ठाकरे ने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा है. अमित ठाकरे के नाम की घोषणा के साथ ही माहिम विधानसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन गई है.


संजय राउत ने क्या कहा?
बता दें माहिम ने 1966 में अविभाजित शिवसेना का जन्म देखा और फिर 2006 मनसे को अस्तित्व में आते भी देखा, जब राज ठाकरे ने अपना स्वतंत्र राजनीतिक रास्ता चुना. ऐसे में यूबीटी सेना के सांसद और नेता संजय राउत ने स्पष्ट किया कि दादर-माहिम सीट शिवसेना का गढ़ रही है. इसलिए इस सीट पर चुनाव नहीं लड़ने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है.


माहिम सीट पर मनसे को केवल एक बार 2009 में जीत मिली है, जब शिवसेना के मौजूदा विधायक सदा सरवणकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. इससे मराठी वोटबैंक बंट गया और मनसे के नितिन सरदेसाई ने यहां जीत हासिल की.


दरअसल, इससे पहले 2019 के चुनाव में उद्धव ठाकरे के बेटे और अमित के चचेरे भाई आदित्य ठाकरे ने 2019 के चुनाव में माहिम के पास की वर्ली सीट से जीत दर्ज की थी। सीएम बनने के बाद उद्धव ठाकरे विधानपरिषद् के जरिए विधानमंडल पहुंचे थे। उस समय राज ठाकरे ने 2019 के चुनाव में आदित्य ठाकरे को बिना शर्त समर्थन दिया था।



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