महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में MVA की संभावित सीट शेयरिंग, इस पार्टी को मिलेंगी सबसे ज्यादा सीटें?
Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 है. लोकसभा चुनाव के बाद एमवीए का कॉन्फिडेंस हाई है.
Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों के बाद अब विधानसभा चुनावों की बारी है. अक्तूबर में यहां पर विधानसभा के चुनाव होने हैं. लोकसभा चुनावों में सीटों के बंटवारे में देरी देखी गई. ऐसे में इस बार विधानसभा चुनावों में विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी सीट शेयरिंग की दिशा में बातचीत अभी से तैयारी कर रही है. पिछले हफ्ते में एमवीए की मुंबई में मीटिंग हुई. इसमें सीट शेयरिंग पर शुरुआती बातचीत हुई है. इस बैठक के बाद एमवीए के सीट शेयरिंग का एक संभावित फॉर्मूला सामने आया है.
लोकमत की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें मिल सकती है. लोकसभा चुनाव में पार्टी को 13 सीटों पर जीत हासिल हुई. लोकसभा में सीटों के लिहाज से वो राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. ऐसे में कांग्रेस विधानसभा चुनाव में 100 से 105 सीटों पर लड़ सकती है.
MVA की संभावित सीट शेयरिंग फॉर्मूला
वहीं उद्धव ठाकरे गुट जिसे लोकसभा चुनाव में नौ सीटों पर जीत हासिल हुई है, पार्टी को 90 से 95 सीटें दी जा सकती हैं. शरद पवार गुट को 80 से 85 सीटें मिल सकती है. विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं. रिपोर्ट की मानें तो सीट शेयरिंग के फॉर्मूलों को आखिरी शक्ल देने के लिए आने वाले समय में कुछ और बैठक होनी हैं.
महाविकास अघाड़ी में कैसे होगा सीटों का आवंटन?
महाविकास अघाड़ी में तीनों दलों की ताकत के आधार पर सीट आवंटन और निर्वाचन क्षेत्र तय किए जाने की उम्मीद है. इसके मुताबिक, कांग्रेस पार्टी को विदर्भ, उत्तरी महाराष्ट्र, पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में ज्यादा सीटें मिलने की संभावना है. मुंबई में उद्धव ठाकरे गुट को ज्यादा सीटें मिल सकती हैं. माना जा रहा है कि शरद पवार गुट पश्चिमी महाराष्ट्र और उत्तरी महाराष्ट्र में अधिक विधानसभा सीटों की मांग कर सकता है.
बता दें कि महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी (MVA) को बड़ी सफलता मिली है. महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों में से MVA में शामिल दलों को 30 सीटों पर जीत हासिल हुई. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस राज्य में संघर्ष कर रही थी. कई बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी. पार्टी में फूट के कारण उद्धव ठाकरे गुट और शरद पवार गुट की हालत उतनी अच्छी नहीं थी लेकिन चुनाव नतीजों के बाद कॉन्फिडेंस बढ़ा है. ऐसे में अब विधानसभा चुनाव में एमवीए में शामिल तीनों पार्टियां डंटकर मैदान में उतरने के लिए तैयार दिख रही है.
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