महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने स्क्रीनिंग कमेटी का ऐलान किया है. मधुसूदन मिस्त्री इसके चेयरमैन बनाए गए हैं. इसके अलावा सप्तगिरी शंकर उल्का, मंसूर अली खान और श्री वेल्ला प्रसाद स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं. महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. राजनीतिक दलों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.


स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल नेताओं का परिचय


मधुसूदन मिस्त्री कांग्रेस के अनुभवी नेताओं में से एक हैं. उन्हें राहुल गांधी का करीबी भी बताया जाता है. पार्टी में वो कई जिम्मेदारियों को संभाल चुके हैं. उनकी ही अध्यक्षता में कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ था. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में वो पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं.


सप्तगिरी शंकर उल्का इस बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं. ओडिशा की कोरापुट सीट से उन्होंने जीत दर्ज की है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सचिव भी हैं. मंसूर अली खान बेंगलुरु निर्वाचन क्षेत्र से इस बार कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार थे. हालांकि उन्हें जीत हासिल नहीं हुई. इस सीट पर बीजेपी के पीसी मोहन ने जीत हासिल की.


श्रीवेल्ला प्रसाद छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के पर्यवेक्षक की भूमिका निभा चुके हैं. अभी वो तमिलनाडु कांग्रेस के सचिव हैं. कांग्रेस के एसी विभाग के वो कनवेनर रह चुके हैं.


महाराष्ट्र में कांग्रेस का उद्धव-शरद पवार गुट से गठबंधन


महाराष्ट्र में कांग्रेस का उद्धव ठाकरे और शरद पवार की पार्टी के साथ गठबंधन है. तीनों दलों गठंबधन के तहत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव में तीनों दलों ने एक साथ चुनाव लड़ा था. कांग्रेस लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी.


लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीती 13 सीटें


राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने 13 सीटों पर जीत हासिल की. कांग्रेस एक मात्र ऐसी पार्टी थी जिसने महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव में दहाई का आंकड़ा पार किया. बीजेपी नौ, उद्धव ठाकरे की पार्टी को नौ, शरद पवार की पार्टी को आठ, एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना को सात, अजित पवार गुट को एक और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की.


क्या होता है स्क्रीनिंग कमेटी का काम?


चुनाव से पहले राजनीतिक दल स्क्रीनिंग कमेटी का ऐलान करते हैं. ये कमेटी संभावित उम्मीदवारों के नाम पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति को भेजती है. इनके भेजे नाम पर पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति अपना अंतिम फैसला लेती है.


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