Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं. हालांकि सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र में चुनावी तारीख को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग की टीम अगले महीने महाराष्ट्र के दौरे पर जा सकती है.


चुनाव आयोग की टीम के महाराष्ट्र दौरे के बाद वहां की तैयारी और तमाम स्टेक होल्डर से बातचीत करके ही कोई फैसला किया जा सकता है. हालांकि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है, ऐसे में चुनाव उसके बाद खींचने की संभावना कम ही है.


चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था. इस घोषणा के बाद महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के नेता केंद्र और बीजेपी पर हमलावर नजर आ रहे हैं. महाविकास अघाड़ी में शामिल पार्टियां लगातार केंद्र सरकार पर हमला बोल रही है. उनका कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी सिर्फ एक राष्ट्र एक चुनाव की बात करते हैं लेकिन एक साथ 4 राज्यों के चुनाव भी नहीं करा सकते.


एक सवाल के जवाब में निर्वाचन आयोग ने कहा था कि चार जगहों पर एक साथ चुनाव कराने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती एक बड़ी दिक्कत हो सकती है. इसलिए, अभी दो जगहों पर चुनाव की घोषणा की गई है. हाल ही में इस मामले पर एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा था.


एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि लाल किले पर प्रधानमंत्री ने यह बात रखी कि पूरे देश के चुनाव एक साथ होने चाहिए. जम्मू कश्मीर और हरियाणा के चुनाव की घोषणा की गई लेकिन झारखंड और महाराष्ट्र चुनाव की घोषणा नहीं हुई. शरद पवार ने कहा कि जब प्रधानमंत्री सभी राज्यों में एक साथ चुनाव कराने की नीति प्रस्तावित कर रहे हैं तो महाराष्ट्र चुनाव की घोषणा न होना एक तरह का विरोधाभास है.


वही उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने भी हमला बोलते हुए कहा था कि मतदाताओं को प्रभावित करने और उन्हें खरीदने का प्रयास किया जा रहा है. अगर चुनाव आयोग, राजनेताओं के हाथ का हथियार और कठपुतली बन जाएंगे तो संविधान खतरे में है.


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