Maharashtra विधानसभा के फ्लोर टेस्ट में गैरहाजिर रहने वाले कांग्रेस के 11 विधायकों ने बताई ये वजह
Maharashtra News: महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान 11 विधायकों की अनुपस्थिति से पार्टी के वरिष्ठ नेता ही सवाल उठा रहे हैं. वहीं विधायकों ने अपने अनुपस्थिति की अजीबोगरीब वजहें दी हैं.
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Congress MLAs Absent In Floor Test: महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) में पूर्व सीएम अशोक चव्हाण सहित 11 कांग्रेस विधायकों के सोमवार को हुए फ्लोर टेस्ट में अपना वोट डालने में विफलता के कारण पार्टी के भीतर वरिष्ठ नेताओं ने चिंता जताई और उनकी "लापरवाही" और "अनौपचारिक व्यवहार" पर सवाल उठाया. स्पीकर के चुनाव के दौरान रविवार को एमवीए को जहां 107 वोट मिले थे, वहीं सोमवार को गठबंधन की संख्या गिरकर 99 हो गई. चव्हाण के अलावा जिन लोगों ने वोट नहीं डाला उनमें प्रणति शिंदे, जितेश अंतापुरकर, विजय वड्डेतिवार, जीशान सिद्दीकी, धीरज देशमुख, कुणाल पाटिल, राजू आवाले, मोहन हम्बर्दे, शिरीष चौधरी और माधवराव जावलगांवकर शामिल हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने जताई ये चिंता
महाराष्ट्र में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनकी अनुपस्थिति से यह चर्चा शुरू हो गई थी कि उनमें से कुछ "अन्य दलों के संपर्क में" हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि "विधायकों के इस समूह द्वारा आकस्मिक व्यवहार बहुत चौंकाने वाला है. यह उनकी लापरवाही को दर्शाता है." महाराष्ट्र के प्रभारी AICC सचिव एच के पाटिल ने कहा कि “आठ विधायक देर से आए और लॉबी में इंतजार करने लगे. इसमें कोई राजनीतिक बात नहीं है. वे बारिश और ट्रैफिक में फंस गए होंगे. कभी-कभी, अपरिहार्य कारण होते हैं."
वहीं चव्हाण ने कहा कि “हमें दो या तीन मिनट की देरी हुई. उन्होंने गेट बंद कर दिए. कोई बेईमानी का खेल नहीं है. हम ट्रैफिक में फंस गए थे." एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने "तैयारी की कमी" को जिम्मेदार ठहराया. “हमारा व्हिप और बैठकें नहीं हुईं और यह सदस्यों के गंभीर नहीं होने का एक कारण हो सकता है. बकौल इंडियन एक्सप्रेस उन्होंने कहा कि इसको लेकर कोई रणनीति नहीं बनी थी, और सदस्यों की उपस्थिति का समन्वय और निगरानी करने वाला कोई नहीं था.
कुछ विधायकों ने की ये शिकायत
बांद्रा के विधायक सिद्दीकी ने कहा कि “कुछ भ्रम था और हमने सोचा था कि पहले बहस होगी और फिर मतदान होगा…लेकिन पहले मतदान शुरू हुआ. कोई सीएलपी मीटिंग नहीं थी और हमें 11 बजे पहुंचने के लिए कहा गया. ट्रैफिक की वजह से मैं पांच मिनट देरी से पहुंचा और हम लॉबी में थे. हमने स्पीकर को हमें अंदर जाने की अनुमति देने के लिए एक नोट भेजा क्योंकि मतदान शुरू नहीं हुआ था लेकिन हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. एमपीसीसी की कार्यकारी अध्यक्ष प्रणति शिंदे, जो पूर्व सीएम सुशील कुमार शिंदे की बेटी हैं, ने कहा कि “मैं उपलब्ध नहीं थी. मेरे पास काम था और मैंने पार्टी को अपनी अनुपस्थिति के बारे में सूचित किया.
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