Maharashtra Assembly Session: महाराष्ट्र में बिगड़ते राजनीतिक समीकरणों के बीच सभी राजनीतिक दल सत्तारूढ़ शिवसेना, बीजेपी, NCP(अजित गुट) और विपक्षी महा विकास अघाड़ी कांग्रेस-शिवसेना और एनसीपी सोमवार, 17 जुलाई से महाराष्ट्र विधानमंडल के हंगामेदार मानसून सत्र के लिए तैयार हैं. एनसीपी में विभाजन के बाद विपक्ष की ताकत काफी कम हो गई है. लेकिन उसे 4 अगस्त तक चलने वाले तीन सप्ताह के सत्र के दौरान सरकार को मुश्किल में डालने का भरोसा है. राज्य में पहली बार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ दो डिप्टी सीएम, देवेंद्र फडनवीस और अजित पवार होंगे.


दूसरी ओर, सत्तारूढ़ गठबंधन, खुद सीएम शिंदे सहित 16 विधायकों की अयोग्यता पर आने वाले फैसले के खतरे में दिख रही है, जो फिर से राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकता है. अयोग्यता मामले पर निर्णय लेने में देरी पर आक्रामक शिवसेना (यूबीटी) का सुप्रीम कोर्ट का रुख करने के बाद अध्यक्ष राहुल नार्वेकर इस मुद्दे पर अपना फैसला देने के लिए समय की तलाश में हैं.


कांग्रेस कर सकती है विपक्ष के नेता पद का दावा 
मुश्किल से आठ महीने दूर लोकसभा चुनाव और 15 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव - और दो महत्वपूर्ण पार्टियों (शिवसेना और एनसीपी) में विद्रोह (जून 2022 और जुलाई 2023) के साथ राज्‍य की राजनीति का परिदृश्य अच्छा नहीं है. कांग्रेस अब बीजेपी के बाद चौथे से दूसरे स्थान पर पहुंच गई है, और अब विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद पर दावा करने की उम्मीद है, जिसे पहले एनसीपी (अजित पवार के बाहर निकलने के बाद) हासिल करने की उम्मीद कर रही थी.


एमवीए कर रही है ये भविष्यवाणी 
एमवीए भविष्यवाणी कर रही है कि अजित पवार के प्रवेश के बाद सीएम शिंदे को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है, हालांकि सत्तारूढ़ सहयोगियों ने इन दावों का मजाक उड़ाया है. जहां तक अन्य गैर-राजनीतिक मुद्दों का सवाल है, विपक्षी एमवीए पिछले कुछ महीनों में राज्य में हुई सांप्रदायिक झड़पों, महिलाओं पर हाल के हमलों के साथ कानून-व्यवस्था की स्थिति, किसानों की समस्याओं पर सरकार को घेरेगी.


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