महाराष्ट्र में चुनाव के ऐलान के साथ ही महायुति को झटका, RSP अध्यक्ष ने लिया बड़ा फैसला
Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद महायुति में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर मतभेद उभरे हैं. RSP के अध्यक्ष महादेव जानकर ने NDA से अलग होने का फैसला किया है.
Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर तारीखों की घोषणा के साथ ही गठबंधन में खींचतान शुरू हो गई है. एक तरफ महाविकास अघाड़ी (MVA) में सीट बंटवारे को लेकर मंथन जारी है तो दूसरी तरफ महायुति की भी कई राउंड की बैठकें चल रही है. इस बीच चुनाव से ठीक पहले महायुति को झटका लगा है. राष्ट्रीय समाज पार्टी (RSP) के अध्यक्ष महादेव जानकर ने महायुति महागठबंधन छोड़ने का फैसला किया है.
महादेव जानकर ने NDA से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय समाज पार्टी अपने दम पर विधानसभा की 288 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी. महादेव जानकर ने लोकसभा चुनाव में परभणी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
महादेव जानकर क्यों हुए नाराज?
अब राजनीतिक गलियारे में चर्चा होने लगी है कि विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय समाज पार्टी से महायुति के सीट आवंटन के बारे में नहीं पूछे जाने से महादेव जानकर नाराज हैं. ऐसे में महादेव जानकर ने अब महायुति छोड़ने का फैसला कर लिया है.
महादेव जानकर ने क्या कहा?
महादेव जानकर ने मीडिया से बातचीत में कहा , ''मैं NDA महागठबंधन में किसी से नाराज नहीं हूं लेकिन राष्ट्रीय समाज पार्टी को भी इस देश की बड़ी पार्टी बनना चाहिए. बीजेपी और कांग्रेस के बराबरी पर आना चाहिए. इसके लिए राष्ट्रीय समाज पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. हमारी पार्टी की ताकत क्या है? हम उसे देखेंगे और हम अपनी किस्मत आजमाएंगे. हम राज्य विधानसभा चुनाव में 288 में से 288 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.''
राष्ट्रीय समाज पार्टी के प्रमुख ने आगे कहा, ''मैं महायुति के साथ था लेकिन अब महायुति के साथ नहीं हूं. जब मैं महायुति के साथ था, उन्होंने हमें एक लोकसभा सीट दी. इसके लिए उन्हें धन्यवाद लेकिन अब हमें अपनी पार्टी की ताकत देखनी है इसलिए हमने ये फैसला लिया. हमारी पार्टी को मान्यता दिलाने के लिए कम से कम 12 विधायक या दो सांसद चाहिए.
उन्होंने ये भी कहा कि हमें केंद्रीय चुनाव आयोग की शर्तों को पूरा करने के लिए अपने कुछ विधायकों का चुनाव भी करना होगा इसलिए हमारी राष्ट्रीय समाज पार्टी ने अपने दम पर चुनाव लड़ने का निर्णय किया. महागठबंधन में किसी भी नेता पर कोई चर्चा नहीं हुई. हम महायुति और महाविकास अघाड़ी से नाराज नहीं हैं.''
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