Maharashtra News: महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) ने उद्धव ठाकरे को झटका देते हुए अजय चौधरी को हटाकर एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में बहाल कर दिया है. नार्वेकर ने शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में शिंदे खेमे से भरत गोगावाले की नियुक्ति को भी मान्यता दी. वहीं उन्होंने सुनील प्रभु को हटा दिया, जो ठाकरे गुट से हैं. सदन के दो दिवसीय विशेष सत्र के अंतिम दिन आज यानी सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत पर वोटिंग हुई जिसमें सीएम एकनाथ शिंदे को जीत मिली.


रविवार देर रात एक बयान में, नार्वेकर ने कहा कि महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय को 22 जून को शिंदे के नेतृत्व वाले समूह से एक पत्र मिला था जिसमें ठाकरे द्वारा शिवसेना विधायक दल के समूह नेता के रूप में उन्हें हटाने पर आपत्ति जताई गई थी. नार्वेकर के एक पत्र में कहा गया है कि मामले की वैधता पर चर्चा करने के बाद, अध्यक्ष ने शिवसेना विधायक अजय चौधरी की पार्टी की विधायी इकाई के समूह नेता के रूप में नियुक्ति को खारिज कर दिया.


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पूरे मामले पर शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने ये कहा


घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, शिवसेना प्रमुख सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि उनकी पार्टी इस "असंवैधानिक" फैसले को अदालत में चुनौती देगी. सावंत ने कहा कि लोकसभा के पूर्व महासचिव पी डी टी आचार्य ने निर्देश दिया है कि पार्टी नेता (प्रमुख) को उस पार्टी की विधायी इकाई के समूह के नेता को नियुक्त करने का अधिकार है. आप कैसे कह सकते हैं कि (एकनाथ शिंदे) पार्टी के (विधायक) नेता हैं? हम इस फैसले को अदालत में चुनौती देंगे. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. निर्णय रविवार देर रात को लिया जाता है जो बताता है कि इसे कैसे लिया जाना चाहिए था.


उन्होंने आरोप लगाया कि निर्णय संविधान और लोकतांत्रिक मानदंडों को रौंदने के बराबर है. सावंत ने कहा, "भाजपा निरंकुशता की ओर बढ़ रही है." शिवसेना के अपदस्थ नेता अजय चौधरी ने कहा कि नए अध्यक्ष ने दोनों पक्षों की आपत्तियों पर कोई सुनवाई तक नहीं की.


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