Shiv Sena MLAs Disqualification Case: शिवसेना ठाकरे गुट के अयोग्य विधायक मामले की सुनवाई में कल महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सुनवाई की. शिवसेना ठाकरे गुट के अयोग्य विधायक मामले की सुनवाई में कल आखिर क्या-क्या हुआ, किसने क्या कुछ कहा आप भी जान लीजिये. शिवसेना ठाकरे गुट की ओर से वकीलों के माध्यम से बहस करते हुए एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष दायर सभी याचिकाओं पर संयुक्त सुनवाई करने का अनुरोध किया गया.
चूंकि इन सभी याचिकाओं का विषय एक ही है, इसलिए इन पर सुनवाई करना आसान होगा. ठाकरे गुट की ओर से दलील दी गई कि अनुसूची 10 के अनुसार संयुक्त सुनवाई की जानी चाहिए और तुरंत निर्णय लिया जाना चाहिए.
शिंदे गुट ने दी ये दलील?
शिवसेना शिंदे गुट ने दलील दी कि इन याचिकाओं में खामियां हैं और हम इन सभी याचिकाओं के संबंध में सबूत पेश करना चाहते हैं और इसलिए सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई नहीं की जानी चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष की इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई एक साथ होगी या नहीं? इस संबंध में निर्णय लिया जायेगा. विधानसभा अध्यक्ष के पास जैसे ही कुछ विधायकों का जवाब आया तो ठाकरे गुट ने कहा कि इस पर जल्द फैसला लिया जाना चाहिए.
ठाकरे गुट ने एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया, जिसमें पांच बिंदु शामिल हैं. इसलिए, ठाकरे गुट का दावा है कि वे इस आधार पर संयुक्त सुनवाई कर सकते हैं. इसके अलावा, उन्होंने तर्क दिया कि जिरह की कोई आवश्यकता नहीं है.
ठाकरे गुट द्वारा उठाए गए पांच बिंदु इस प्रकार हैं
1. बहुमत साबित करने को लेकर राज्यपाल ने सत्ता पक्ष को जारी किया पत्र.
2. 30 जून को मुख्यमंत्री ने शपथ ली.
3. सुप्रीम कोर्ट ने व्हिप की नियुक्ति पर आपत्ति जताई.
4. दोनों गुटों द्वारा दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया है. दोनों गुटों के दस्तावेज विधानसभा अध्यक्ष के पास हैं.
5. सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के नतीजों के दस्तावेज उपलब्ध हैं.
इसलिए इन मुद्दों पर विचार करते हुए बिना जिरह किए बिना समय बर्बाद किए जल्द से जल्द निर्णय लेने का अनुरोध ठाकरे गुट की ओर से किया गया है.