Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र मंगलवार की सुबह 11 बजे शुरू होगा. सूत्रों के मुताबिक, विशेष सत्र में एकनाथ शिंदे की नेतृत्व वाली सरकार मराठाओं को 10 फीसदी तक आरक्षण देने का एलान कर सकती है. बीते 16 फरवरी को ही महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने सरकार को मराठा समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक और पिछड़ेपन पर अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपी थी.
बता दें कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर बीते महीने अध्यादेश निकाला गया था. उसके बाद भी सरकार की ओर से लेटलतीफी का आरोप लगाते हुए मनोज जरांगे पाटिल जालना में अपने पैतृक गांव में बीते 10 फरवरी से अनिश्चिकालीन अनशन पर बैठे हैं.
महायुति सरकार के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने पहले भी कई बार आश्वासन दिया है. उन्होंने सोमवार को पुणे में दोहराया कि वे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को प्रभावित किए बिना मराठों को कोटा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. विधानमंडल का विशेष सत्र महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (एमएसबीसीसी) के अध्यक्ष, सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुनील शुक्रे द्वारा शुक्रवार (16 फरवरी) को मराठों के पिछड़ेपन का पता लगाने वाली अपनी व्यापक रिपोर्ट सीएम को सौंपने के बमुश्किल तीन दिन बाद आता है.
शिंदे मराठों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन की सर्वेक्षण रिपोर्ट राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष पेश करेंगे और इस पर विधानमंडल में बहस होगी. राजनीतिक सूत्रों ने कहा कि सरकार के लिए बड़ी चुनौती मौजूदा ओबीसी आरक्षण को परेशान किए बिना मराठा कोटा देने के अपने वादे को पूरा करना है, जिससे यह एक मुश्किल प्रस्ताव बन गया है. शिवबा संगठन के नेता मनोज जारांगे-पाटिल, जो अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के 10वें दिन पर हैं, ने आज (सोमवार) कहा कि समुदाय जो चाहता है, वह "वास्तविक कोटा है, न कि केवल खोखले आश्वासन" जिसमें 'सेज-सोयारे' की मांग भी शामिल है.
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