Maharashtra News: महाराष्ट्र (Maharashtra) के भोकर तहसील के हल्दा गांव के आनंद बोइनवाड ने कर्टुला यानी ककोड़ा को बेचकर काफी मुनाफा कमाया है. आनंद बोइनवाड ने तीन एकड़ में इस सब्जी की खेती की है. ये बस तीन महीने की ही फसल है. महाराष्ट्र से भी अधिक कर्टुला तो तेलंगाना हैदराबाद होती है. वहीं नांदेड़ के बजार में कर्टुला की बिक्री 200 से 300 रुपये में की जा रही है. आनंद बोइनवाड ने बताया कि तीन एकड़ में कर्टुला की पैदावार 60 से 70 क्विंटल तक हो जाती है.
उन्होंने बताया कि 15 हजार प्रति क्विंटल इसकी बीक्री होती है. इसके चलते वो तीन एकड़ में नौ लाख रुपये का मुानाफा कमा लेते हैं. इसकी खेती के लिए जैविक खाद का उपयोग बहुत जरुरी होता है. इस फसल की सबसे बड़ी खूबी ये है कि इसकी खेती एक बार ही करनी होती है. एक बार के बाद ये फसल खेत में खुद होने लगती है. बार-बार इसे बोने की जरुरत नहीं पड़ती. इसके चलते आपको इसकी फसल लगाने के लिए दोबारा रुपये भी खर्च नहीं पड़ते.
ककोड़ा है जंगली सब्जी
बता दें कर्टुला यानी ककोड़ा एक जंगली सब्जी है. ये पहाड़ों पर ज्यादा उगती है. इसकी खेती पहाड़ों पर ही मुख्य रूप से होती है. इस सब्जी की कई राज्यों में भारी मांग देखी जाती है. बाजार में फिलहाल 15 हजार प्रति क्विंटल में इसकी बिक्री की जा रही है. इस सब्जी में मांस से भी 50 गुना अधिक ताकत और प्रोटीन पाया जाता है. इसमें फाइटोकेमिकल्स मौजूद होता है, जो सेहत के लिए काफी लाभकारी माना जाता है. इस सब्जी में एंटीऑक्सीडेंट भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं. ये सब्जी आमतौर पर मॉनसून के सीजन में बाजार में दिखाई देती है.
इसे खाने वालों को सिरदर्द, बाल झड़ना, कान दर्द और पेट में इंफेक्शन आदि की भी समस्या नहीं होती. जिसे डायबिटीज से है, उसे भी इस सब्जी से बहुत फायदा होता है. इसे खाने ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है.
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