Maharashtra News: इसी साल जून में सत्ता संभालने के बाद राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन की पहली चुनावी जीत के का कार्यकर्ताओं के द्वारा स्वागत किया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एकनाथ शिंदे के शिवसेना गुट ने ग्राम पंचायत चुनावों में कुल 581 में से 299 सरपंच सीटें हासिल की हैं. जीतने वाले सरपंचों में से 259 भाजपा के थे, जबकि 40 शिंदे सेना के थे. इसके नतीजे सोमवार को घोषित किए गए.


भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि, "भाजपा-शिंदे सेना अपने विरोधियों राकांपा, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से आगे थी." सरपंच के लिए यह पहला प्रत्यक्ष चुनाव था, जो शिंदे-फडणवीस सरकार द्वारा इस संबंध में राज्य विधानसभा में एक कानून पारित करने के बाद हुआ था.


विपक्ष ने प्रत्यक्ष चुनाव का किया था विरोध


पिछले महीने आयोजित मानसून सत्र में, राज्य सरकार ने सरपंच पदों के लिए प्रत्यक्ष चुनाव की घोषणा का सदन के पटल पर एमवीए (महाराष्ट्र विकास अघाड़ी) पार्टियों द्वारा विरोध किया गया था. राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि 17 जिलों के 51 तालुकों में ग्राम पंचायतों और सरपंचों के चुनाव में 76 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि, “सरपंच चुनाव कराने के पीछे भाजपा की साजिश ग्राम पंचायतों को नियंत्रित करने की थी. लेकिन जब बात ग्राम पंचायत सदस्यों की आती है तो राकांपा सबसे बड़ी पार्टी होती है.


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सीएम शिंदे ने जीत को लेकर कही ये बात


हालांकि, जिलों की रिपोर्टों ने भाजपा को एनसीपी के बाद नंबर एक पार्टी के रूप में दिखाया. कांग्रेस को तीसरे स्थान पर देखा गया जबकि ठाकरे सेना को चौथे स्थान पर खिसका दिया गया. मुख्यमंत्री शिंदे ने भाजपा-शिंदे सेना की जीत को नई गठबंधन सरकार को महाराष्ट्र का जनादेश बताया. उन्होंने कहा, "लोगों ने राज्य में बदलाव को स्वीकार कर लिया है और यह परिणामों में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है." डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “भाजपा-शिंदे गठबंधन की जीत नई सरकार में लोगों के विश्वास को दर्शाती है. उन्होंने सीएम शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को तहे दिल से स्वीकार किया है. आने वाले सभी चुनावों में भाजपा-शिंदे की जीत का सिलसिला जारी रहेगा.


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