Maharashtra Politics: महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल का दावा- उद्धव ठाकरे को हटाकर संजय राउत को CM बनाना चाहते हैं शरद पवार
Maharashtra News: चंद्रकांत पाटिल ने दावा किया, ‘हम उद्धवजी से कहना चाहेंगे कि हमारी समझ यह है कि पवार साहब द्वारा दिए गए एजेंडे पर राउत काम कर रहे हैं.'
Shivsena News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Chandra Kant Patil) ने सोमवार को दावा किया कि शिवसेना (Shivsena) सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के उस एजेंडे पर काम कर रहे हैं, जिसके तहत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को पद से हटाकर संजय राउत को उनके स्थान पर बिठाना है.
चंद्रकांत पाटिल ने यहां संवाददाताओं से यह भी कहा कि शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे के मुंबई स्थित निजी आवास 'मातोश्री' की नींव को उखाड़ने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘वह मानें या न मानें, उद्धवजी हमारे दोस्त हैं. वह शिवसेना सुप्रीमो दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के बेटे हैं. हमने कई सालों तक साथ काम किया है.’’
चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि कौन हैं संजय राउत? वह हाल ही में शिवसेना में आए थे और वह (राउत) किसे पढ़ा रहे हैं? पाटिल ने दावा किया, ‘‘हम उद्धवजी से कहना चाहेंगे कि हमारी समझ यह है कि पवार साहब द्वारा दिए गए एजेंडे पर राउत काम कर रहे हैं. एजेंडा आपको मुख्यमंत्री के पद से हटाना है क्योंकि आपने इस पद पर ढाई साल पूरे कर लिये हैं.’’
सुप्रिया सुले को मुख्यमंत्री नहीं बना सकते- बीजेपी नेता
बीजेपी नेता ने कहा, ‘‘... और चूंकि सुप्रिया सुले को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता है, इसलिए उनके (पवार के) लिए राउत को मुख्यमंत्री बनाना सुले को बनाने के बराबर होगा.’’ पुणे के बारामती से लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले राकांपा प्रमुख पवार की बेटी हैं.
महाराष्ट्र में 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान होने पर शिवसेना ने अपनी लंबे समय से सहयोगी रही भारतीय जनता पार्टी से संबंध तोड़ लिए थे. इसके बाद ठाकरे के नेतृत्व में पार्टी ने, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर राज्य में सरकार बनाई.
एक सवाल के जवाब में चंद्रकांत पाटिल ने राज्यसभा सदस्य राउत द्वारा भाजपा नेताओं के खिलाफ कुछ बयानों में इस्तेमाल की गई भाषा की निंदा की और कहा, ‘‘इस तरह की भाषा का इस्तेमाल हमारी संस्कृति नहीं है.’’