Eknath Shinde: महाराष्ट्र में केंद्र ने राज्य मंत्रिमंडल विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, लेकिन बीजेपी आलाकमान के शिवसेना के पांच मंत्रियों को हटाने के सुझाव से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को दुविधा में डाल दिया गया है, जो इस कदम में देरी कर रहा है. FPJ में छपी खबर के अनुसार, सूत्रों ने कहा, मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों के आकलन के लिए बीजेपी की अपनी आंतरिक व्यवस्था है.


पार्टी आलाकमान नियमित रूप से उनके फीडबैक रिपोर्ट की समीक्षा करता है. पांच मंत्रियों के बारे में फीडबैक रिपोर्ट बहुत खराब है और इसलिए बीजेपी आलाकमान चाहता है कि उन्हें हटा दिया जाए. हालांकि ये वे मंत्री हैं जिन्होंने बगावत के दौरान शिंदे का समर्थन किया था और इसलिए उन्हें हटाने का फैसला मुख्यमंत्री के लिए आसान नहीं है.


कौन हैं वो पांच मंत्री?
सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत, कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार, जल आपूर्ति मंत्री गुलाबराव पाटिल, ईजीएस मंत्री संदीपन भुमरे और एफडीए मंत्री संजय राठौड़ ऐसे पांच मंत्री हैं जिनकी रिपोर्ट अनुकूल नहीं है. फीडबैक रिपोर्ट में कहा गया है कि सावंत अपने कार्यकाल के दौरान कोई खास काम नहीं दिखा पाए हैं, लेकिन उन्होंने हर जिले में अपना निजी सहायक नियुक्त किया है. इसी तरह, किसानों तक पहुंचने में विफल रहने के लिए सत्तार की आलोचना की गई है.


एकनाथ शिंदे की चुनौती
पाटिल पर भी खराब प्रदर्शन का आरोप लगाया गया है, जबकि भूमरे और राठौड़ पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पूजा चव्हाण मामले में राठौड़ की कथित संलिप्तता भी सरकार पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है. हालांकि, 11 महीने तक कैबिनेट में रहने के बाद इन मंत्रियों को छोड़ना शिंदे के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि वे विद्रोह के दौरान उनके करीबी विश्वासपात्र थे. इसके अलावा, उनमें से चार एमवीए शासन के दौरान भी उनके कैबिनेट सहयोगी थे.


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