Maharashtra Politics: 'महाराष्ट्र, संविधान से चलेगा, न कि शरिया कानूनों से', बीजेपी विधायक नितीश राणे की चेतावनी
Maharashtra के बीजेपी विधायक नितीश राणे ने कहा है कि महाराष्ट्र डॉ बी आर अंबेडकर के संविधान से संचालित होगा, न कि शरिया कानूनों से. उन्होंने कहा, "आज हमारे पास हिंदुत्व के लिए प्रतिबद्ध सरकार है."
Maharashtra Politics News: बीजेपी विधायक नितेश राणे ने शनिवार को मुंबई में कहा कि महाराष्ट्र डॉ बी आर अंबेडकर के संविधान से संचालित होगा, न कि शरिया कानूनों से. मुंबई में भाजपा मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए, राणे ने 4 अगस्त को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के कर्जत में प्रतीक पवार नाम के एक युवक पर हुए हमले का जिक्र किया और आरोप लगाया कि भाजपा के पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा, जिन्होंने एक टीवी डिबेट में पैगंबर के खिलाफ विवादित बयान दिया था, का समर्थन करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट के लिए उन पर 10-12 लोगों ने बेरहमी से हमला किया.
राणे ने दी ये चेतावनी
अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे पवार के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए, राणे ने मांग की कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), जो अमरावती में केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या की जांच कर रही है, को अहमदनगर की घटना की भी जांच करनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'जहां तक नूपुर शर्मा के मुद्दे का सवाल है, यह मामला बंद है. इसकी निंदा की गई. लेकिन कब तक इसका इस्तेमाल हिंदुओं को निशाना बनाने के लिए किया जाएगा. राणे ने पूछा कहा कि“अतीत में, हिंदू देवी-देवताओं का उपहास किया जाता था, हिंदू धर्म के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट प्रसारित किए जाते थे. फिर भी, किसी ने कभी किसी पर हमला नहीं किया. हिंदुओं ने संयम दिखाया है. राणे ने यह भी चेतावनी दी कि अगर हिंदुओं पर हमले जारी रहे, तो लोगों को उठना और जवाब देना होगा."
आज हिंदुत्व के लिए प्रतिबद्ध सरकार- राणे
बीजेपी विधायक ने पिछली उद्धव-ठाकरे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके शासन के दौरान हिंदुओं पर हमले निर्विरोध हुए. उन्होंने कहा, "आज हमारे पास हिंदुत्व के लिए प्रतिबद्ध सरकार है." इस बीच, औरंगाबाद में, केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने के खिलाफ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के विरोध पर कड़ी आपत्ति जताई. दानवे ने कहा कि "एआईएमआईएम के इम्तियाज जलील (एमपी) शहर का नाम औरंगाबाद रखने के लिए क्यों लड़ रहे हैं, जिसका नाम मुगल शासक औरंगजेब के नाम पर रखा गया था?" उन्होंने कहा कि शहर में किसी भी बच्चे का नाम औरंगजेब नहीं रखा गया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि "मैं जलील से पूछना चाहता हूं, क्या आप अपने बच्चे का नाम औरंगजेब के नाम पर रखना चाहेंगे? अगर नहीं तो औरंगाबाद पर जोर क्यों दे रहे हो?