Maharashtra News: BJP एमएलसी गोपीचंद पडलकर ने देवेंद्र फडणवीस को लिखा पत्र, धनगर समुदाय के लिए कर दी ये बड़ी मांग
Dhangar Bahujan Community: बीजेपी MLC गोपीचंद पडलकर ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र लिखा है. उन्होंने मांग की है कि धनगर बहुजन समुदाय के सदस्यों के खिलाफ केस रद्द किया जाए.
BJP MLC Gopichand Padalkar Letter: बीजेपी एमएलसी गोपीचंद पडलकर ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस को पत्र लिखकर धनगर समुदाय के मुद्दे को ठीक से नहीं संभालने वाले असंवेदनशील सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. पडलकर ने फडणवीस से विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए धनगर लोगों के खिलाफ मामले वापस लेने का भी अनुरोध किया है. पडलकर ने धनगर समुदाय को एसटी वर्ग में शामिल करने की मांग की थी. उन्होंने धनगर समुदाय को एसटी वर्ग में शामिल करने के लिए राज्य सरकार को मांगों की सूची और 50 दिन का समय दिया था. लेकिन सरकार ने मांग पर कार्रवाई नहीं की इसलिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया गया.
पडलकर ने पत्र में की ये मांग
जालना में धनगर आरक्षण याचिका मामले में 36 धनगर बहुजन समुदाय के सदस्यों के खिलाफ मामले रद्द किए जाने चाहिए और पुलिस महानिरीक्षक और कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जो इस मामले को संवेदनशीलता से नहीं संभालकर अनुकूल माहौल को अस्थिर कर रहे हैं.
जालना में हुई थी हिंसा
आज से करीब एक हफ्ता पहले जालना में धनगर समुदाय द्वारा आयोजित एक मोर्चा हिंसक हो गया था क्योंकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने जिला कलेक्टरेट परिसर में तोड़फोड़ की, पथराव किया और आधिकारिक और निजी वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. पुलिस ने इस सिलसिले में कई लोगों को हिरासत में लिया था. यह घटना तब हुई जब धनगर समुदाय ने एसटी श्रेणी के तहत समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर जिला कलक्ट्रेट तक मार्च निकाला था. इस पूरे मामले पर भाजपा एमएलसी गोपीचंद पडलकर ने कहा था, 'उन्हें एक घंटे तक इंतज़ार करना पड़ा. कलेक्टर ने बाहर आकर उनसे मुलाकात नहीं की. इससे वे नाराज हो गए जिसके परिणामस्वरूप हिंसा हुई.'
फिर से गरमाया आरक्षण का मुद्दा
बता दें, मराठा आरक्षण के जटिल मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार और विपक्ष के बीच बड़े राजनीतिक युद्ध के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने धनगर आरक्षण के लंबित मुद्दे पर एक कैबिनेट उप-समिति का गठन किया है. पिछले कुछ दिनों में शरद पवार गुट (एनसीपी) से अलग हुए मंत्री छगन भुजबल के वरिष्ठ ओबीसी नेता की खुली चुनौती से मराठा आरक्षण का मुद्दा फिर से गरमा गया है. भुजबल ने स्पष्ट कर दिया है कि ओबीसी - जो राज्य की आबादी का 54 प्रतिशत है - मराठों के साथ अपना कोटा साझा करने के राज्य सरकार के किसी भी कदम का कड़ा विरोध करेंगे, जैसा कि विचार किया जा रहा है.