Bombay High Court: उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना (UBT) नेता विनायक राउत ने बीजेपी के नारायण राणे की उम्मीदवारी को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि मतदाताओं को डरा-धमका कर जीत हासिल की गयी है.


ABP माझा के अनुसार, लोकसभा चुनाव 2024 में राणे ने शिवसेना ठाकरे गुट के विनायक राउत को हराया था. नारायण राणे 47858 वोटों से जीते थे. हालांकि, विनायक राउत ने आरोप लगाया है कि राणे की जीत धोखाधड़ी और पैसे के कारण हुई है.


उद्धव गुट के नेता का बड़ा आरोप
शिवसेना (UBT) नेता विनायक राउत ने रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा क्षेत्र से चुने गए नारायण राणे की उम्मीदवारी को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट में एक चुनाव याचिका दायर की है. विनायक राउत ने याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि उन्होंने वोट खरीदकर और वोटरों को धमकाकर जीत हासिल की है. याचिका में मांग की गई है कि वोट खरीदकर और मतदाताओं को धमकाकर नारायण राणे की जीत को रद्द किया जाए और चुनाव के दौरान भ्रष्टाचार की गहन जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति नियुक्त करने का आदेश दिया जाए.


नारायण राणे पर लगाये ये आरोप
विनायक राउत ने यह भी आरोप लगाया है कि नारायण राणे, उनके करीबी नितेश राणे और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने चुनाव के दौरान कई गलतियां की हैं. इसकी शिकायत चुनाव निर्णय अधिकारियों से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसलिए यह याचिका दायर की गई है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि आयोग के अधिकारियों ने जानबूझकर आचार संहिता के उल्लंघन पर आंखें मूंद ली हैं और निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के सिद्धांत का उल्लंघन किया है.


6 मई को भी बीजेपी कार्यकर्ता नारायण राणे के लिए प्रचार कर रहे थे, जबकि चुनाव प्रचार की अवधि 5 मई 2024 को समाप्त हो गई थी. भले ही नारायण राणे के लिए प्रचार अभियान समाप्त हो गया था, लेकिन नारायण राणे समर्थकों का वीडियो ईवीएम मशीन दिखाकर राणे को वोट देने के लिए कह रहा था. इस याचिका में इसका उल्लेख किया गया है. नारायण राणे के बेटे विधायक नितेश राणे ने एक सार्वजनिक बैठक की और मतदाताओं को धमकी दी थी. नीतीश राणे ने 13 अप्रैल को हुई मीटिंग में धमकी दी कि अगर आपको लीड नहीं मिली तो फंड भी नहीं मिलेगा, जिसका जिक्र इस याचिका में भी है.


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