Chhatarpati Shivaji Maharaj Statue: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में स्थित राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के ढह जाने की घटना ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है. इस घटना के बाद राज्यभर में आक्रोश की लहर दौड़ गई है. इस मुद्दे को लेकर महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने सिंधुदुर्ग में एक मार्च का आयोजन किया. इसी क्रम में महाविकास अघाड़ी के नेता राजकोट किले का निरीक्षण करने पहुंचे.


इस दौरान, वहां पहले से मौजूद पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और पूर्व सांसद नीलेश राणे का सामना महाविकास अघाड़ी के नेताओं से हुआ. एक समय के सहयोगी और अब कट्टर विरोधी बन चुके राणे और ठाकरे आमने-सामने आ गए. इसके बाद, राणे समर्थकों और शिवसैनिकों के बीच जोरदार नारेबाजी होने लगी जो धीरे-धीरे झड़प में तब्दील हो गई.






बीजेपी सांसद नारायण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. मीडिया से बात बातचीत के दौरान सांसद राणे अचानक गुस्सा हो गए और उन्होंने ABP माझा के रिपोर्टर का माइक छिनने की कोशिश की. महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने के मामले में MVA और बीजेपी नेताओं में बहस भी हुई है. 


जब राणे पिता-पुत्र और आदित्य ठाकरे राजकोट किले में दाखिल हुए, तो दोनों पक्षों के समर्थकों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की. आदित्य ठाकरे के प्रवेश करते ही राणे समर्थकों ने "पेंगुइन-पेंगुइन" के नारे लगाए, जिससे शिवसैनिक आक्रामक हो गए और दोनों पक्षों के बीच टकराव हो गया. स्थिति बिगड़ते देख पुलिस को अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा. करीब एक घंटे के बाद, आदित्य ठाकरे छत्रपति शिवराय का नारा लगाते हुए पुलिस सुरक्षा में किले से बाहर निकले, लेकिन राणे समर्थकों की नारेबाजी तब भी जारी रही.


इसके बाद नारायण राणे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला किया. राणे ने कहा कि उद्धव ठाकरे उन्हें 'शिवद्रोही' कहते हैं, जबकि उनके लिए शिवसेना के गठन के बाद से ही छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदुत्व सिर्फ पैसा कमाने का जरिया रहे हैं. राणे ने सवाल किया कि क्या उद्धव ठाकरे ने आज तक किसी भी जगह शिवाजी महाराज की मूर्ति स्थापित की है?


उन्होंने ठाकरे पर यह आरोप भी लगाया कि उनके पास शिवाजी महाराज के बारे में बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. राणे ने यह भी पूछा कि अपने ढाई साल के मुख्यमंत्री कार्यकाल में उद्धव ठाकरे ने कोंकण के लिए क्या किया? कितने लोगों को नौकरी मिली, कितने प्रोजेक्ट लाए गए, और कितने पुल बनाए गए.


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