Maharashtra Politics: 'साथ खड़े कुछ नेता भी पार्टी छोड़ देंगे', महाराष्ट्र BJP अध्यक्ष का उद्धव ठाकरे पर तंज
Maharashtra News: महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले (Chandrashekhar Bawankule) ने कहा कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को दूसरों पर कटाक्ष करना बंद कर देना चाहिए.
Chandrashekhar Bawankule on Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले (Chandrashekhar Bawankule) ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को लेकर एक बड़ा बयान दिया. महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष ने सोमवार को कहा कि शिवसेना (Shiv Sena) नेता उद्धव ठाकरे को दूसरों पर कटाक्ष करना बंद कर देना चाहिए अन्यथा उनके साथ खड़े पार्टी के कुछ नेता भी पार्टी छोड़ देंगे.
नागपुर एयरपोर्ट पर महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष बावनकुले ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस समय लोग एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार में विश्वास दिखा रहे हैं जो राज्य के लोगों के लिए दिन में 18 घंटे काम कर रही है. इसके साथ ही बीजेपी नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि साल 2024 तक अन्य दलों के कई कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल होंगे. कांग्रेस और एनसीपी को बड़ा झटका लगेगा, अगर उद्धव ठाकरे दूसरों पर कटाक्ष करन बंद नहीं करते हैं तो कुछ कार्यकर्ता उनके साथ रह गए हैं वह भी चले जाएंगे. फिर उनके पास केवल हम दो हमारे दो लोग रहेंग होंगे और उनके साथ कोई और नहीं होगा.
वहीं बावनकुले ने महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री न केवल छह, बल्कि आठ जिलों का भी प्रबंधन कर सकते हैं. वह फडणवीस की क्षमता के बारे में नहीं जानते हैं, जिसे पूरे महाराष्ट्र ने 2014-2019 से देखा है. उनका कोई निजी व्यवसाय, कारखाना, सोसायटी या बैंक नहीं है. वह जनता के लिए दिन में 18 घंटे काम करते हैं और एक व्यक्ति जो लोगों के लिए 18 घंटे काम करता है वह किसी भी चुनौती को स्वीकार कर सकता है.
इसके साथ ही बीजेपी नेता ने महाराष्ट्र के स्कूलों में देवी सरस्वती के चित्र प्रदर्शित करने की टिप्पणी को लेकर एनसीपी के सीनियर नेता छगन भुजबल पर भी निशाना साधा. बावनकुले ने कहा जिस तरह से भुजबल ने स्कूलों में देवी सरस्वती के चित्रों के प्रदर्शन पर सवाल उठाया है, वह एनसीपी के ओवैसी की तरह लगता है. बता दें कि एनसीपी नेता छग्गन भुजबल ने पिछले हफ्ते मांग की थी कि सावित्री फुले, ज्योतिबा फुले, शाहू महाराज, भाऊराव पाटिल और बी आर अंबेडकर जैसे समाज सुधारकों के चित्र स्कूलों में प्रदर्शित किए जाएं.
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