Maratha Reservation Decision: एक ओर जहां मनोज जारांगे ने कहा है कि सरकार के पास मराठा आरक्षण पर फैसला लेने के लिए सिर्फ कल का समय है, वहीं दूसरी ओर पूर्व सहकारिता मंत्री और बीजेपी विधायक सुभाष देशमुख ने मराठा आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया है. सुभाष देशमुख ने कहा है कि मराठा आरक्षण पर 24 दिसंबर तक फैसला लेना संभव नहीं है, सभी को फरवरी के अंत तक धैर्य रखना चाहिए. ऐसे में ये देखना अहम होगा कि मनोज जरांगे इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं.
क्या बोले बीजेपी नेता सुभाष देशमुख?
ABP माझा के अनुसार, सोलापुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए सुभाष देशमुख ने कहा, ''आरक्षण को लेकर कई विधायकों ने सदन में अपनी राय रखी है. कम से कम 70 से 80 विधायकों ने अपनी राय रखी. इसपर खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी अपनी राय रखी. शिंदे समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसके बाद रिपोर्ट की समीक्षा की जाएगी और इसे कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा. मुख्यमंत्री का कहना है कि आरक्षण पर विशेष सत्र बुलाकर निर्णय लिया जाएगा. इसलिए, इस पर 24 दिसंबर तक निर्णय नहीं लिया जा सकता, क्योंकि रिपोर्ट अब प्राप्त हुई है."
सभी को सहयोग करना चाहिए
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि आरक्षण देने के बाद आरक्षण रद्द न हो जाए, इसके लिए सभी को सावधानी बरतनी जरूरी है. इसलिए, फरवरी के अंत तक सभी को धैर्य रखना चाहिए, सभी को सहयोग करना चाहिए और आरक्षण प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए, ऐसा देशमुख ने कहा.
'फरवरी तक सभी लोग धैर्य रखें'
सुभाष देशमुख ने कहा, मराठा आरक्षण का मामला पिछले 40 से 45 साल से रुका हुआ है. 24 दिसंबर को ये दूर नहीं होगा. रिपोर्ट अभी सौंपी जानी बाकी थी और अब सौंपी गई है. उसके बाद कैबिनेट की दोबारा बैठक होगी. सभी को यह भी ध्यान रखना होगा कि दिया गया आरक्षण दोबारा रद्द न हो. आरक्षण देते समय आपको बहुत सावधान रहना होगा.