BMC Election 2022: आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव (Election) को देखते हुए बीजेपी (BJP) ने उत्तर भारतीय मतदाताओं पर नजरें गड़ा दी है. बीजेपी की कोशिश शहर के उत्तर भारतीय मतदाताओं का मत हासिल करने की ही. एक अनुमान के मुताबिक मुंबई में 40 लाख से अधिक मतदाता हैं. मतदाता उत्तर भारत विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बीजेपी की नजर उत्तर भारतीय समुदाय के बड़े वर्ग को साधने की है.


निगम में दो दशक से ज्यादा है शिवसेना का कब्जा


देश के सबसे धनवान नगर निगम का संचालन करते हुए शिवसेना (Shiv Sena) को दो दशक से ज्यादा का समय हो गया है. चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने उपनगर गोरेगांव में 15 मई को एक बड़ी रैली की योजना बनाई है. बीजेपी की रैली से एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) शहर में लोगों को संबोधित करेंगे. कांग्रेस के पूर्व नेता राजहंस सिंह को बीजेपी ने पहले ही पार्टी में शामिल करा लिया. पूर्व मंत्री और कांग्रेस के पूर्व नेता कृपाशंकर सिंह को बीएमसी चुनाव से पहले बीजेपी ने उत्तर भारतीय प्रकोष्ठ का प्रभारी बनाया है. 


एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, ‘‘2017 के बीएमसी चुनाव में बीजेपी ने शिवसेना से अलग होकर चुनाव लड़ा और कांटे की टक्कर दी. हालांकि बीजेपी ने शिवसेना को और अधिक परेशान नहीं करने का विचार कर पांच साल के लिए बीएमसी का नियंत्रण शिवसेना के हाथों में जाने दिया.’’ बीजेपी-शिवसेना ने 2014 से 2019 के बीच राज्य में और केंद्र की सत्ता में साझेदारी की थी, लेकिन दोनों में संबंध टूटने के बाद सुधर नहीं सके. बीजेपी नेता ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश और बिहार के मुंबई में 40 लाख से अधिक मतदाता हैं.


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बीजेपी ने उत्तर भारतीय मतदाताओं पर गड़ाई नजर 


उत्तर भारतीय मतदाताओं की संख्या मुंबई के कुल मतदाताओं की एक तिहाई से थोड़ी ही कम है. बीएमसी के कुल 227 वार्डों में से करीब 40 पर उत्तर भारतीय मतदाताओं की अच्छी पकड़ है. उत्तर भारतीय मतदाताओं की अन्य 50 वार्डों में भी निर्णायक मौजूदगी है.’’ पार्टी के एक और नेता ने कहा, ‘‘बीजेपी कुछ समारोह आयोजित कर उत्तर भारतीय मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित करेगी. हमने मतदाताओं का वर्गीकरण क्षेत्र के आधार पर तैयार किया है. उसी को देखते हुए हमारा प्रचार और संपर्क अभियान तैयार किया जाएगा.’’


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उन्होंने कहा कि चुनौती केवल यही है कि हम इस समय महाराष्ट्र की सत्ता में नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘जब आप राज्य की सत्ता में होते हैं तो मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं. लेकिन हमारे पोल खोल अभियान को अच्छा समर्थन मिल रहा है क्योंकि लोगों को पता चल रहा है कि शिवसेना के अधीन बीएमसी किस तरह भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन में लिप्त है.’’ मुंबई, पुणे, नागपुर और ठाणे सहित राज्य के कुछ बड़े शहरों में नगर निगम चुनाव जल्द होने हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग को दो सप्ताह के अंदर स्थानीय निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया था.