BJP Uddhav Faction: कुछ दिनों पहले राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और सत्ता में बैठे कुछ मंत्रियों ने अयोध्या का दौरा किया था. उसके बाद प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति देखने को मिल रही है. इस पृष्ठभूमि में बीजेपी नेता और कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल के बाबरी विध्वंस को लेकर दिए गए बयान को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी-शिंदे गुट और ठाकरे गुट के बीच खींचतान शुरू हो गई है. ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने बीजेपी पर निशाना साधा है और शिंदे गुट की कड़ी शब्दों में आलोचना की है.


बीजेपी नेता का बड़ा दावा
सकल में छपी खबर के अनुसार, संजय राउत ने कहा, चंद्रकांत पाटिल का कहना है कि बाबरी विध्वंस में बालासाहेब ठाकरे और शिवसैनिकों की कोई भूमिका नहीं थी. उनका कहना है कि बालासाहेब ठाकरे ने शिलेदार (सैनिक) को बाबरी नहीं भेजा था. अब डॉक्टर शिंदे और उनके 40 लोगों का क्या जो सरकार में गोद लिए बैठे हैं. हम बालासाहेब के विचारों के सच्चे उत्तराधिकारी हैं और जो तीर चला रहे हैं, मैं उनसे प्रतिक्रिया की उम्मीद करता हूं. राउत ने इस पर एकनाथ शिंदे और बीजेपी नेताओं की कड़ी आलोचना की है.


संजय राउत का निशाना
संजय राउत ने कहा कि, अयोध्या से आने के बाद चंद्रकांत पाटिल का कहना है कि शिवसेना और शिवसेना प्रमुख का बाबरी कांड से कोई लेना-देना नहीं है. हम यह सुनना चाहते हैं कि शिंदे का इस पर क्या कहना है. संजय राउत ने यह भी कहा कि यह देश बालासाहेब द्वारा अयोध्या और उसके बाद की घटनाओं के संबंध में हिंदू धर्म की मशाल को जलाए रखने के लिए किए गए बलिदान को जानता है और बीजेपी उस बलिदान से बनी थी. राउत ने कहा, 'बालासाहेब ठाकरे का इतना अपमान करने की किसी की हिम्मत नहीं थी. चंद्रकांत पाटिल या बीजेपी के लोग लगातार शिवसेना, बालासाहेब ठाकरे का अपमान कर रहे हैं.


बाबरी कांड के बाद बालासाहेब ठाकरे लखनऊ गए और सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए, जिसमें वे मुख्य आरोपी थे. क्या बीजेपी को ये नहीं पता? संजय राउत ने ये सवाल बीजेपी से भी किया. इतने सालों बाद बात करने की क्या जरूरत थी. तब चंद्रकांत पाटिल कहां थे? ये सब झूठ हैं. यह बालासाहेब और शिवसेना पर जानबूझकर कीचड़ उछालना है. संजय राउत ने यह भी कहा कि ये खेल शिवसेना का वजूद खत्म करने के लिए खेला जा रहा है.


चंद्रकांत पाटिल ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, "उस समय बालासाहेब ठाकरे ने कहा कि हां, मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं. जिम्मेदारी का क्या मतलब है? क्या बालासाहेब वहां गए, क्या शिवसेना वहां गई, क्या बजरंग दल वहां गए? कारसेवक कौन थे?" कारसेवक हिंदू हैं. कारसेवक बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी के नेतृत्व में गए थे. ऐसा नहीं था कि हम बजरंग दल का नाम नहीं लेंगे.


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