Maharashtra Budget: महाराष्ट्र के बजट को विपक्ष ने बताया 'चुनावी जुमला', अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस से पूछा ये सवाल
Maharashtra Budget 2023: आज महाराष्ट्र के वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बजट 2023-2024 पेश किया है. इस बजट को लेकर विपक्ष ने एकनाथ शिंदे सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
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Ajit Pawar on Maharashtra Budget: महाराष्ट्र बजट 2023 पर अजीत पवार की प्रतिक्रिया सामने आई है. वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज बजट पेश किया है. बजट में देवेंद्र फडणवीस ने कई बड़े ऐलान किए हैं. विपक्ष इस बजट की आलोचना कर रहा है. विपक्ष के नेता अजित पवार ने भी इस बजट की आलोचना की है. अजित पवार ने फडणवीस के बजट को चुनावी हथकंडा बताया है.
अजित पवार ने की आलोचना
अजीत पवार ने कहा कि यह बजट जो नहीं हो रहा था उसकी घोषणा करने और आगे की प्रतीक्षा करने के बारे में है. बिजली, गैस, जलापूर्ति सेवाओं के लिए आज के बजट में कोई फंड नहीं है. अजित पवार ने कहा कि अरब सागर में शिवाजी महाराज स्मारक को लेकर अभी कोई घोषणा नहीं हुई है. पहले की योजनाओं का क्या हुआ, विकास कार्यों पर राशि खर्च नहीं की गई. कुछ जिलों में चार से पांच प्रतिशत राशि खर्च की जा चुकी है. खर्च को देखें तो 51 फीसदी खर्च हो चुका है. अजीत पवार ने कहा कि वे 20 दिनों में शेष 50 प्रतिशत धनराशि कैसे खर्च करने जा रहे हैं.
विपक्ष ने की बजट की आलोचना
उन्होंने कहा, कितनी धनराशि दी गई, इस बारे में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी. सवाल यह है कि क्या सिर्फ निगम के लिए पर्याप्त प्रावधान किया जाएगा लेकिन किया क्या जाएगा. बिजली माफी की घोषणा की लेकिन आगे कुछ नहीं किया. 25 तारीख को सत्र खत्म हुआ तो पहली तारीख को नागरिकों को झटका लगेगा. क्योंकि वे बिजली की दरें बढ़ाने जा रहे हैं. किसानों का उपहास जारी है. किसानों को प्याज, गेहूं का रेट देना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह केवल पर्याप्त प्रावधान करेगा, परन्तु उसने यह नहीं बताया कि वह क्या करेगा. अजीत पवार ने आलोचना की कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जहां राज्य कर्ज में डूब जाएगा.
अजीत पवार ने इस बात की भी आलोचना की कि फडणवीस ने एक किताब लिखी है जिसमें बेहतर होता कि वे यह लिखते कि अर्थ संकल्प को कैसे पढ़ा जाए. खुली आर्थिक नीति 1991 में मनमोहन सिंह द्वारा अपनाई गई थी. उसके बाद अटल बिहारी ने भी इसे स्वीकार कर लिया. आज का बजट निराशाजनक है. 14 मार्च को कोर्ट सरकार के खिलाफ फैसला सुनाएगी. इसका नतीजा आज के बजट में दिख रहा है.
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