Maharashtra Budget: पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाले शिवसेना (Shiv Sena) के गुट ने महाराष्ट्र सरकार के 2023-24 के बजट को ‘गाजर का हलवा’ करार देते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे-भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार चुनावी साल में घोषणाओं की बारिश कर लोगों को झूठे सपने दिखा रही है.


'बजट में किसानों के लिए की आश्वासनों की बौछार'
अपने मुखपत्र ‘सामना’ में पार्टी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में बजट पेश करते हुए सिर्फ आश्वासनों की बौछार की लेकिन इस सप्ताह के शुरू में बेमौसम बारिश से नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए मुआवजे की घोषणा करने में उदारता नहीं दिखाई.


बजट में किसानों को क्या मिला?
शिंदे सरकार का पहला बजट पेश करते हुए फडणवीस ने किसानों को छह हजार करोड़ रुपये की सहायता और फसल बीमा योजना का प्रस्ताव दिया. उन्होंने कामकाजी महिलाओं के लिए पेशेवर कर में राहत, महिलाओं के लिए सरकारी बसों के किराये में 50 फीसदी छूट और बच्चियों के लिए नई योजना का भी प्रस्ताव दिया.


'बजट में घोषणाओं के नाम पर जनता को मिला...हलवा'
महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) समेत कई नगर निकायों के चुनाव होने हैं. राज्य में अक्टूबर 2024 में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. पार्टी ने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में कहा, “बजट में घोषणाओं के नाम पर गाजर का सिर्फ हलवा देकर सरकार ने जनता को गुमराह ही किया है.” उपमुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि फडणवीस की घोषणाओं की तीव्रता दो दिन पहले राज्य के ज्यादातर हिस्सों में ओलावृष्टि एवं बेमौसम बारिश की तीव्रता से ज्यादा थी.


'बजट में जनता को दिखाए गए झूठे सपने'


वहीं राज्य सरकार के बजट को गाजर का हलवा बताते हुए शिवसेना यूबीटी ने पार्टी के संपादकीय सामना में लिखा कि बेमौसम बारिश से खराब हुई फसलों का मुआवजा देने में वित्त मंत्री ने उदारता क्यों नहीं दिखाई?  इसमें आगे लिखा गया कि किसानों की समस्याओं का एकमात्र समाधान उत्पादन लागत के आधार पर उन्हें फसल की कीमत देना है. संपादकीय में आगे कहा गया कि इस साल के बजट में किसानों और लोगों को केवल झूठे सपने दिखाए गए हैं.


गौरतलब है कि वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को महाराष्ट्र का बजट पेश किया था.  इस दौरान फडणवीस ने कहा था कि यह बजट पांच प्रमुख लक्ष्यों या पंचामृत टिकाऊ खेती-समृद्ध किसानों पर आधारित है. उन्होंने कहा था कि इस बजट में महिलाओं, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों और ओबीसी सहित समाज के सभी वर्गों का समावेशी विकास; पर्याप्त पूंजी निवेश के साथ बुनियादी ढांचे का विकास; सक्षम, कुशल और रोजगार योग्य युवाओं के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल विकास के लिए रोजगार सृजन जैसी जरूरी चीजों पर फोकस किया गया है.


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