Maharashtra Budget: महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उसके आखिरी बजट को लेकर निशाना साधा और इसे ‘‘आश्वासनों का पुलिंदा’’ बताया. विपक्षी दलों ने कहा कि इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि घोषित योजनाओं के लिए धन कैसे जुटाया जाएगा.


वित्त विभाग भी संभाल रहे उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने 20,051 करोड़ रुपये का राजस्व घाटे का बजट पेश किया, जिसमें उन्होंने महिलाओं, युवाओं, किसानों और समाज के अन्य वर्गों के लिए 80,000 करोड़ रुपये से अधिक के खर्च की घोषणा की. शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बजट को ‘‘आश्वासनों का पुलिंदा’’ और ‘‘झांसा’’ करार देते हुए कहा कि इसमें समाज के हर वर्ग को कुछ न कुछ देने का दिखावा किया गया है.


महाराष्ट्र के बजट पर विपक्ष की प्रतिक्रिया
पूर्व मुख्यमंत्री ने विधानमंडल परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये मासिक भत्ता देने संबंधी ‘मुख्यमंत्री माझी लडकी बहन’ योजना विधानसभा चुनाव से पहले महिला मतदाताओं को लुभाने का प्रयास है.


उन्होंने कहा कि नौकरियां सृजित करने के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा. उन्होंने कहा, ‘‘बजट आश्वासनों का पुलिंदा है. यह समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने का एक फर्जी प्रयास है....’’


क्या बोले उद्धव ठाकरे?
ठाकरे ने कहा कि विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जानी चाहिए जो यह पता लगाए कि पिछले दो वर्षों में महायुति सरकार द्वारा घोषित योजनाओं में से कितनी लागू की गईं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात का कोई उल्लेख नहीं किया गया कि धन कैसे जुटाया जाएगा.


उन्होंने कहा कि बजट में घोषित योजनाओं से सत्तारूढ़ गठबंधन को मदद नहीं मिल पाएगी क्योंकि लोग उसे हराने के लिए विधानसभा चुनावों का इंतजार कर रहे हैं. ठाकरे ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘महाराष्ट्र को लूटा जा रहा है और जो लोग इसे लूट रहे हैं, उन्हें वोट नहीं मिलेगा.’’


कांग्रेस ने साधा निशाना
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने भी ‘मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना’ को लेकर निशाना साधते हुए पूछा कि बढ़ती महंगाई के समय 1,500 रुपये की राशि से क्या होगा.


पटोले ने कहा कि किसानों के बिजली बिल माफ करने की योजना एक दिखावा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लोगों की परेशानियों और तेलंगाना की तर्ज पर किसानों के कर्ज को पूरी तरह माफ करने की कांग्रेस की मांग को नजरअंदाज किया है.


कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख ने कहा, ‘‘बजट में बहुत सारे आश्वासन हैं, लेकिन लोग मूर्ख नहीं बनेंगे. यह लोगों को गुमराह करने वाला बजट है और इसमें संदेह है कि दिए गए आश्वासन पूरे होंगे.’’


शरद पवार गुट की प्रतिक्रिया
शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाया और कहा कि राज्य का कर्ज बोझ सात लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है.


उन्होंने कर्ज के बोझ को देखते हुए बजटीय प्रावधानों की व्यवहार्यता पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार के पास निवेश आकर्षित करने और बेरोजगारी को कम करने की कोई रणनीति नहीं है. तपासे ने कहा कि लोकलुभावन, लेकिन खोखले वादे चुनाव से पहले लोगों को प्रभावित नहीं कर पाएंगे.


विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने बजट को ‘‘राजनीतिक सम्मोहन’’ करार दिया और दावा किया कि मराठवाड़ा और विदर्भ जैसे क्षेत्रों को इसमें कुछ भी नहीं मिला. शिवसेना (यूबीटी) के नेता दानवे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राज्य ने कई योजनाओं की घोषणा की है, लेकिन उनके कार्यान्वयन को लेकर संदेह है. यह केवल राजनीतिक सम्मोहन है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘आज के बजट भाषण के बाद, यह स्पष्ट है कि सरकार मराठवाड़ा, विदर्भ के क्षेत्रों को महाराष्ट्र का हिस्सा नहीं मानती है. सरकार योजनाओं के व्यवस्थित कार्यान्वयन के लिए गठित समिति के माध्यम से लोगों पर भारी कर लगाएगी.’’


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