Maharashtra कैबिनेट ने लिया अहम फैसला, परियोजनाओं के लिए 60 हजार करोड़ रुपये तक लोन जुटाने की MMRDA को दी अनुमति
Maharashtra News: राज्य सरकार ने मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण को परियोजनाओं के लिए 60 हजार करोड़ रुपये लोन जुटाने की अनुमति दे दी है. इसके साथ ही पहली किश्त के लिए सरकार गारंटर भी बनेगी.
Maharashtra Cabinet Decision: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने शनिवार को मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) को मुंबई और उसके आसपास चल रही बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए ऋण के रूप में 60,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी. सरकार ने यह भी घोषणा की कि वह 12,000 करोड़ रुपये के ऋण की पहली किश्त के लिए शुल्क माफ करके गारंटर के रूप में खड़ी होगी.
इससे पहले, एमएमआरडीए ने एसबीआई कैपिटल मार्केट लिमिटेड को अपनी संसाधन जुटाने की योजना के लिए एक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया था और साथ ही एसबीआई की नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी ताकि कुल जुटाए गए फंड के 0.20 प्रतिशत के शुल्क पर परियोजनाओं को पूरा करने के लिए आवश्यक 60,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकें. अधिकारियों ने कहा कि अनुमानित फंड फ्लो के अनुसार, एमएमआरडीए अगले 25 वर्षों में अपने विभिन्न स्रोतों से पर्याप्त मात्रा में राजस्व उत्पन्न करेगा. हालांकि, परियोजनाओं में देरी और अगले पांच वर्षों में अपेक्षित स्रोतों से राजस्व प्राप्त न होने की स्थिति में, परियोजनाओं को लागू करने के लिए आवश्यक 60,000 करोड़ रुपये की कमी हो सकती है.
आगे होने वाली फंड की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने लिया फैसला
अधिकारियों ने कहा कि यदि केवल मेट्रो कॉरिडोर, एमटीएचएल और संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के माध्यम से बोरीवली और ठाणे के बीच एक टनल जैसी बड़ी परियोजनाओं पर विचार किया जाता है, जबकि इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत 97,765 करोड़ रुपये है, सरकार ने केवल 42,647 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी है, जो एडीबी, एनडीई, जेआईसीए और केईडब्ल्यू जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से लिया जा रहा है. ऐसे में मेट्रो और एमटीएचएल परियोजनाओं के लिए अभी भी 55,118 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी...अन्य परियोजनाओं के लिए, अन्य 5,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी."
जानकारी के मुताबिक अगले पांच वर्षों में प्रस्तावित फंड प्रवाह को ध्यान में रखते हुए, यदि राजस्व अपेक्षित रूप से उत्पन्न नहीं होता है, तो लगभग 60,000 करोड़ रुपये की कमी होगी. ऋण प्राप्त न होने की स्थिति में, एमएमआरडीए वर्तमान में चल रही परियोजनाओं को पूरा नहीं कर पाएगा.