Maharashtra Cabinet: मंत्री नहीं बनाए जाने पर छलका छगन भुजबल का दर्द, 'उसी का ईनाम है कि...'
Maharashtra Cabinet Expansion: महाराष्ट्र में कैबिनेट का विस्तार होने के बाद एनसीपी नेता छगन भुजबल की प्रतिक्रिया आई है और उन्होंने मंत्री न बनाए जाने पर कहा कि इससे मैं खत्म नहीं हो गया.
Maharashtra Cabinet News: महाराष्ट्र कैबिनेट में जगह न मिलने पर एनसीपी नेता छगन भुजबल का दर्द छलका है. उन्होंने कहा कि 'मुझे मंत्री पद मिले या न मिले, इससे छगन भुजबल खत्म नहीं हुआ है.' भुजबल को मंत्री पद न दिए जाने पर उनके समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं. इस पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी है.
महाराष्ट्र में कैबिनेट का विस्तार हो गया है और नए 39 मंत्रियों ने रविवार को शपथ ले ली. बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी तीनों ही पार्टियों के उन नेताओं में नाराजगी देखने को मिली, जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है. जिन वरिष्ठ नेताओं को कैबिनेट में जगह नहीं मिली उनमें छगन भुजबल भी शामिल हैं.
जरांगे को चुनौती देने का पुरस्कार मिला- भुजबल
मीडिया से बातचीत में छगन भुजबल ने कहा, ''किसे कैबिनेट में शामिल किया जाना है, यह पार्टी नेताओं का निर्णय है. पार्टी नेताओं ने मुझे बताया कि वरिष्ठ नेताओं को इसलिए शामिल नहीं किया गया, क्योंकि वे नए लोगों को मौका देना चाहते हैं. मुझे लगता है कि मुझे मनोज जरांगे पाटील को चुनौती देने का रिवार्ड मिला है. " महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण और ओबीसी आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ था, तब छगन भुजबल ने कहा था कि मराठा को ओबीसी के तहत आरक्षण देना संभव नहीं है. उन्हें ओबीसी से कोई आरक्षण नहीं दिया जाएगा.
Nagpur, UP: On being asked about several senior leaders not being included in the Maharashtra cabinet, NCP leader Chhagan Bhujbal says, "Who to include in the cabinet is the decision of the party leaders. They (party leaders) told us that senior leaders were not included to give… https://t.co/sGdvznYV9O pic.twitter.com/dEZvJwLkIk
— ANI (@ANI) December 16, 2024
मैं एक सामान्य कार्- छगन भुजबल
समर्थकों के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा, ''अगर मेरे समर्थक नासिक में जुटे हैं, तो मैं इसमें क्या कर सकता हूं. मैं एक सामान्य कार्यकर्ता हूं. इससे क्या फर्क पड़ता है कि मेरी दरकिनार किया गया या मुझे बाहर कर दिया गया. मुझे मंत्री पद मिले न मिले, छगन भुजबल खत्म नहीं हुआ है.'' 2023 में जब अजित पवार ने अजित पवार का गुट छोड़ा था तो छगन भुजबल ने भी उनका साथ दिया था. छगन भुजबल को महायुति सरकार में मंत्री भी बनाया गया था. उन्हें उपभोक्ता मामलों और खाद्य आपूर्ति मंत्रालय दिया गया था.
ये भी पढ़ें - Maharashtra: 'ढाई साल के लिए क्यों सिर्फ एक साल के लिए मंत्री रखो', विजय वडेट्टीवार का महायुति पर तंज