महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के घर पर बुधवार (11 दिसंबर) की देर रात सीएम देवेंद्र फडणवीस मंथन करने पहुंचे. माना जा रहा है कि इस बैठक में महाराष्ट्र की नई कैबिनेट की तस्वीर कैसी होगी, इसके फाइनल फॉर्मूले पर मुहर लग सकती है. महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले 14 दिसंबर को कैबिनेट का विस्तार होना है.
सूत्रों की मानें तो सीएम और दो डिप्टी सीएम का शपथग्रहण के बाद से अभी तक मंत्रालय के बंटवारों के पेच सुलझा नहीं है. किस पार्टी को कौन सा मंत्रालय मिलेगा, पिछले दिनों में इस पर काफी चर्चा हुई है लेकिन अंतिम निर्णय अभी तक नहीं हो पाया है.
दिल्ली में हैं अजित पवार
ये मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब डिप्टी सीएम अजित पवार भी दिल्ली में ही है. डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे दिल्ली दौर पर नहीं आए हैं. 5 दिसंबर को महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण हुआ था.
इन मंत्रालयों को लेकर फंसा है पेच
गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, अर्बन डेवलपमेंट और रेवेन्यू, ये वो विभाग हैं जिनको लेकर महायुति के दलों में पेच फंसा हुआ है. महायुति के तीनों दल शिवसेना, बीजेपी और एनसीपी अपने लिए बड़े विभाग चाहते हैं. सूत्रों की मानें तो आज की बैठक के बाद बहुत कुछ साफ हो जाएगा. सीएम फडणवीस गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे.
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति से मिले सीएम फडणवीस
इससे पहले बुधवार को सीएम फडणवीस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भी मुलाकात की. राष्ट्रपति मुर्मू से अपनी मुलाकात के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उन्हें महाराष्ट्र के देवता भगवान विट्ठल-रुक्मिणी की मूर्ति भेंट की.’’ उपराष्ट्रपति सचिवालय ने दोनों की मुलाकात की तस्वीर साझा की.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘महाराष्ट्र के ऊर्जावान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की. मुझे विश्वास है कि तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल महाराष्ट्र की विकास यात्रा को नई गति देगा. उन्हें आगे के सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं.’’ फडणवीस ने भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले के साथ गडकरी से मुलाकात की.
उधर दिल्ली गए CM फडणवीस-डिप्टी सीएम पवार, इधर कैबिनेट विस्तार पर शिंदे गुट ने लिया बड़ा फैसला