Maharashtra: महाराष्ट्र में फिर होगा मंत्रिमडल का विस्तार, शिंदे, BJP और अजित गुट के किन विधायकों को मिलेगा मौका? सस्पेंस बरकरार
Maharashtra Cabinet Expansion: अजित पवार गुट की एंट्री से शिंदे गुट के MLAs की मंत्री पद की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. दावा किया जा रहा है कि जल्द ही दोबारा महाराष्ट्र कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा.
Maharashtra Cabinet Expansion News: महाराष्ट्र में कुछ दिन पहले कैबिनेट विस्तार हुआ था जिसमें एनसीपी के विधायकों को मंत्री पद दिया गया था. वरिष्ठ विश्वसनीय सूत्रों ने एबीपी माझा को जानकारी दी है कि अगस्त में ही एक और कैबिनेट विस्तार होने की संभावना है. इस साल के कैबिनेट विस्तार में महायुति के अधिक विधायकों को मौका मिलेगा और अधिक मंत्री कैबिनेट में शामिल होंगे. इस साल होने वाले कैबिनेट विस्तार में राज्य मंत्री भी नियुक्त किये जायेंगे. सूत्रों ने जानकारी दी है कि विस्तार में तीनों पार्टियों यानी शिवसेना, बीजेपी और एनसीपी के नेताओं को मौका मिलेगा.
शिंदे गुट के विधायक को उम्मीद
शिंदे गुट के कई विधायक मंत्री पद की उम्मीद लगाए बैठे हैं. इस बीच अजित पवार ने सत्ता में भागीदारी के लिए सत्तारूढ़ शिवसेना-बीजेपी से हाथ मिलाने का फैसला किया. इसलिए दूसरे कैबिनेट विस्तार में एनसीपी के 9 विधायकों को मंत्री पद मिला है. एनसीपी के आने से शिंदे गुट के विधायकों की मंत्री पद को लेकर उम्मीदें बदल गई हैं. अब दावा किया जा रहा है कि जल्द ही दोबारा कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा, जिसमें शिंदे गुट के विधायकों को मौका दिए जाने की बात कही जा रही है.
यह भी चर्चा चल रही कि बीजेपी ने सिर्फ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को खुश कर बाकी लोगों को मना लिया है. उसके बाद पिछले एक साल से सेना के बचे हुए दावेदार हर दिन मंत्री पद की शपथ लेने का सपना देख रहे हैं. भरत गोगवले, संजय शिरासाथ, संजय बांगर, बच्चू कडू जैसे कई विधायक मीडिया के सामने जोर देकर कह रहे थे कि वे कल मंत्री बनेंगे. लेकिन उनके लिए कोई कल नहीं था. किसी को भी मंत्री पद देने का यही रवैया अपनाते हुए शिवसेना के महत्वाकांक्षी विधायकों की एक तस्वीर सामने आई.
क्या शिंदे गुट के विधायकों को फिर लगेगा झटका?
कैबिनेट के हिसाब-किताब की घोषणा के बाद पूरी तस्वीर सामने आ गई. जो काम शिंदे पांच-छह बार दिल्ली जाकर नहीं कर पाए, वह अजित पवार ने एक दिल्ली दौरे में कर दिखाया. अजित पवार दिल्ली गए, उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उन्होंने सीधे वित्त मंत्री, सहकारिता मंत्री, कृषि मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर पदोन्नति की. अजित पवार के सत्ता में आने के बाद पहले से ही खफा शिंदे गुट के लिए यह नया झटका था.