Maharashtra Politics: मझदार में फंसे अजित गुट के मंत्री? एक हफ्ते बाद भी हाथ खाली, जानें- कब होगा कैबिनेट विस्तार?
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण के एक सप्ताह बाद भी एनसीपी मंत्रियों को अभी तक कोई विभाग नहीं मिला है. महाराष्ट्र में जल्द मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगाए जा रहे हैं.
Maharashtra NCP Political Crisis: अजित पवार के शपथ ग्रहण के बाद राज्य की राजनीति में नया मोड़ आ गया है. राज्य में शिंदे-फडणवीस-पवार सरकार स्थापित हुई है. लेकिन इसके बाद फिर कैबिनेट विस्तार का मुद्दा गरमाने लगा. कैबिनेट विस्तार और उस पर नाराजगी की खबरें भी सामने आने लगी. शिंदे-फडणवीस-पवार सरकार ने इसका रास्ता निकालते हुए जल्द ही कैबिनेट विस्तार करने का वादा किया है. अजित पवार के शपथ ग्रहण को एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद एनसीपी के मंत्रियों के पास अभी भी कोई विभाग नहीं हैं.
एक हफ्ते बाद भी किसी के पास कोई विभाग नहीं
करीब एक हफ्ते पहले अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. अजित पवार के साथ एनसीपी के 8 अन्य विधायकों ने भी शरद पवार का साथ छोड़कर मंत्री पद की शपथ ली. लेकिन अभी तक उन्हें कोई विभाग अलॉट नहीं हुआ है. इसके अलावा शिंदे गुट के कुछ अन्य विधायक भी अब भी मंत्री पद का इंतजार कर रहे हैं. अजित पवार के शपथ ग्रहण से पहले शिंदे गुट के कई विधायकों ने मंत्री पद के लिए दावेदारी की थी. वहीं, एबीपी माझा ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि, अगले एक से दो दिनों में एक और कैबिनेट विस्तार किया जाएगा. उसके बाद ही एनसीपी (अजित पवार गुट) और शिवसेना (शिंदे गुट) के मंत्रियों का हिसाब-किताब बंटेगा.
सम्मेलन से पहले एक मानसून सत्र
महाराष्ट्र विधानमंडल का मानसून सत्र 17 जुलाई से शुरू हो रहा है. विधानमंडल का मानसून सत्र 17 जुलाई से 14 अगस्त तक चलेगा. इसी तरह मानसून सत्र से पहले शिंदे-फडणवीस-पवार सरकार का इरादा कैबिनेट का विस्तार कर हिसाब-किताब बांटने का है. इसलिए संभावना है कि अगले एक से दो दिनों में जल्द बड़ी खबर सामने आ सकती है.
मंत्रिमंडल विस्तार जल्द
अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली और राज्य की राजनीति के साथ-साथ शिंदे-फडणवीस सरकार के समीकरण भी बदल दिए. शिवसेना (शिंदे गुट) और बीजेपी के बीच मंत्री पद की खींचतान में एनसीपी भी शामिल थी. इस तरह पहले से ही उम्मीद लगाए बैठे शिंदे के विधायकों को फिर से नाराज होना पड़ा है, वहीं चर्चा है कि बीजेपी के कुछ मंत्रियों को भी मंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है.