Maharashtra: मेट्रो 3 परियोजना की लागत में बढ़ोतरी के लिए महाराष्ट्र कैबिनेट की आज मिल सकती है मंजूरी, जानें क्या होगा नया बजट
Maharashtra की कैबिनेट मेट्रो 3 की परियोजना लागत में वृद्धि की मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की मांग पर विचार किया जा सकता है. शहरी विकास विभाग ने 10,269 करोड़ रुपये की वृद्धि की मांग की है.
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Metro 3 Project: आज मंगलवार को सह्याद्री गेस्ट हाउस में होने वाली राज्य कैबिनेट की बैठक में मेट्रो 3 की परियोजना लागत में वृद्धि की मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की मांग पर विचार किया जा सकता है. एमएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परियोजना की लागत अब 23,136 करोड़ रुपये से बढ़कर 33,405 करोड़ रुपये हो गई है. शहरी विकास विभाग, मूल निकाय जिसे एमएमआरसी रिपोर्ट करता है, ने 10,269 करोड़ रुपये की वृद्धि की मांग की है और एक नया वित्तीय परिव्यय भी मांगा है.
केंद्र के 18 जुलाई 2013 के पहले के पत्र के अनुसार, राज्य सरकार को करों में वृद्धि, विदेशी विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव और योजना में बदलाव जैसी अन्य चीजों के कारण होने वाली लागत को वहन करना था. अधिक केंद्रीय हिस्सेदारी पाने के लिए इस शर्त में ढील दिए जाने की संभावना है और राज्य केंद्र से और सहायता मांग सकता है.
परियोजना में राज्य का इतना हिस्सा बढ़ने की उम्मीद
लागत बढ़ने से परियोजना में राज्य का हिस्सा 2,402 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,699 करोड़ रुपये हो जाएगा और इसे कैबिनेट में भी मंजूरी मिल सकती है. भूमि अधिग्रहण की लागत 2,421 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,554 करोड़ रुपये हो गई है. इस परियोजना को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी द्वारा वित्त पोषित किया गया है और उनका ऋण 13,235 करोड़ रुपये से बढ़कर 19,924 करोड़ रुपये हो जाएगा. राज्य इसके लिए एमएमआरसी के प्रबंध निदेशक को अधिकार देगा. मेट्रो सीपज़ को कोलाबा से जोड़ेगी और भारतीय नौसेना के अनुरोध के कारण परियोजना को जल्द ही नेवी नगर तक विस्तारित किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने और पेड़ो की कटाई पर लगाई रोक
इस परियोजना में भारी देरी का सामना करना पड़ा है और पर्यावरणविदों ने इसका विरोध किया है जो आरे में कार शेड के निर्माण के खिलाफ हैं. उनका दावा है कि इससे शहर के आखिरी बचे हरे-भरे अवशेष नष्ट हो जाएंगे. दबाव के कारण तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे ने कार शेड के लिए आरे प्लॉट रद्द कर दिया था, लेकिन डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आरे में निर्माण पर लगी रोक को हटा लिया. पर्यावरणविदों ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और पेड़ों की और कटाई पर रोक लगा दी है, जबकि MMRC का दावा है कि उन्होंने केवल झाड़ियों को साफ किया है.
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