Case Against Caste Panchayats Members: महाराष्ट्र के बीड में एक महिला और उसके परिवार के सामाजिक बहिष्कार का आदेश देने के लिए 'जाति पंचायत' (Caste Panchayat) के 9 सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया कि महिला का सामाजिक बहिष्कार इसलिए किया गया था क्योंकि उसके ससुर ने उस महिला से शादी की थी, जिससे वह प्यार करता था. 


पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इस परिवार को सात पीढ़ियों तक समाज से बहिष्कृत करने का आदेश खानाबदोश जनजाति नंदीवाले (तिरमाली) समुदाय की पंचायत ने कुछ दिन पहले दिया था. 


पुलिस से संपर्क करने पर मिली थी धमकी


उन्होंने शुक्रवार को कहा कि बहिष्कार आदेश पारित करने से पहले, इस मामले में पुलिस से संपर्क करने पर महिला के परिवार के सदस्यों को जान से मारने की भी धमकी दी गई थी. जाति पंचायत, जिसे मराठी में 'जाट पंचायत' के रूप में जाना जाता है. ये अलग-अलग समुदाय में आंतरिक विवाद तंत्र का एक रूप है. ये पंचायतें एक तरह से अतिरिक्त ज्यूडिशियल बॉडी के रूप में काम करती हैं जो संबंधित जनजातियों या समुदायों पर शासन करती हैं.


बीड के आष्टी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि 9 पंचायत सदस्यों के खिलाफ ये मामला एक मजदूर महिला की ओर दी गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था. बीड के आष्टी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया. 32 वर्षीय मालन फुलमाली अपने पति शिवाजी और बच्चों के साथ बीड जिले के कड़ा कारखाना इलाके में रहती हैं.


पंचायत ने 2.5 लाख मांगा था जुर्माना


महिला और उनके परिवार के सदस्यों को 21 सितंबर को डोइथान गांव में पंचायत के सामने पेश होने के लिए कहा गया था. एफआईआर के अनुसार, उन्हें अगले दिन फिर से बुलाया गया तब पंचायत सदस्यों ने उसे बताया कि उसके ससुर नरसू फुलमाली ने पंचायत की सहमति के बिना प्रेम विवाह किया है. उन्हें इसके लिए 2.5 जुर्माना भरने के लिए कहा गया.


लेकिन जब मालन ने परिवार को 2.5 लाख रुपये देने में असमर्थता जताई, तो पंचायत ने परिवार को सात पीढ़ियों तक समुदाय से सामाजिक बहिष्कार का आदेश दिया. अधिकारी ने कहा कि इस आदेश के बाद, महिला ने पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई.


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