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Pune Crime News: निजी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट के नाम पर धोखाधड़ी, ट्रस्टी समेत 15 के खिलाफ केस दर्ज
सर्जरी होने के चार दिन बाद 29 मार्च को महिला ने पैसों को लेकर हुए विवाद के कारण अपनी असली पहचान बताई. इसके बाद अस्पताल ने पुलिस को घटना की जानकारी दी.
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Pune Crime News: पुलिस ने निजी अस्पताल रूबी हॉल क्लीनिक के मैनेजिंग ट्रस्टी और उसके कुछ कर्मचारियों सहित 15 लोगों के खिलाफ इस साल मार्च में किडनी ट्रांसप्लांट प्रक्रिया के दौरान हुए कथित कदाचार के संबंध में मामला दर्ज किया है. एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर बुधवार को देर शाम कोरेगांव पार्क थाने में मामला दर्ज किया गया.
15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
अधिकारी ने बताया, "हमनें रूबी हॉल क्लीनिक के मैनेजिंग ट्रस्टी परवेज ग्रांट और उसके कुछ कर्मचारियों सहित 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इनमें किडनी देने वाली महिला, किडनी लेने वाला व्यक्ति और उसकी पत्नी भी शामिल हैं." उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 465, 468, 471 (सभी जालसाजी से संबंधित), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और मानव अंग एवं ऊतक प्रतिरोपण अधिनियम, 1994 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
15 लाख देने का किया था वादा
बताया जाता है कि कोल्हापुर की महिला को कथित तौर पर 15 लाख रुपये देने का वादा किया गया था और इस महिला ने खुद को उस व्यक्ति की पत्नी बताया जिसे किडनी की जरूरत थी. इसके बाद महिला ने अपनी किडनी एक युवती को दान दे दी थी. बदले में, युवती की मां ने उस व्यक्ति को अपनी किडनी दान की थी जिसे उसकी बेटी को किडनी देने वाली महिला ने अपना पति बताया था. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि ब्लड ग्रुप मेल ना खाने की वजह से घरवाले अपने मरीज को किडनी नहीं दे पा रहे थे.
पैसों के विवाद के कारण बताई असली पहचान
रूबी हॉल क्लीनिक में सर्जरी होने के चार दिन बाद 29 मार्च को महिला ने पैसों को लेकर हुए विवाद के कारण अपनी असली पहचान बताई. इसके बाद अस्पताल ने पुलिस को घटना की जानकारी दी, जिसने मामले से स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराया. स्वास्थ्य विभाग ने बाद में अस्पताल का ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर दिया था, हालांकि बॉम्बे हाई कोर्ट ने उसके आदेश पर रोक लगा दी थी.
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