दावोस में आयोजित होने वाली विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दावोस के लिए रवाना हो चुके हैं. इस बीच मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि सीएम एकनाथ शिंदे ने विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक से अलग 1.4 लाख करोड़ रुपए (17 बिलियन अमरीकी डालर) के समझौतों पर हस्ताक्षर करने की योजना बनाई है.


अधिकारियों के मुताबिक सोमवार से शुरू हो रही शिंदे की दो दिवसीय यात्रा के दौरान दुनिया के अग्रणी विदेशी निवेशकों और वैश्विक कंपनियों के साथ 21 एमओयू पर हस्ताक्षर होने की संभावना है. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि इन निवेशों से अगले कुछ वर्षों में 66,500 से ज्यादा नई नौकरियां पैदा होने का अनुमान है. इसके साथ ही उन्होंने जोड़ा कि इस यात्रा का उद्देश्य महाराष्ट्र को अपनी महत्वाकांक्षी 1-ट्रिलियन USD की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ना है. 


इन क्षेत्रों में आएगा निवेश


अधिकारियों ने बताया कि दावोस में होने वाले नए एमओयू के जरिए ज्यादातर निवेश डेटा सेंटर, फार्मास्यूटिकल्स, लॉजिस्टिक्स, रसायन, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक वाहन, नवीकरणीय ऊर्जा और ESDM (इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिज़ाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग), ग्रीनफील्ड के क्षेत्र में आएंगे, जिससे राज्य में समावेशी विकास, रोजगार सृजन और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा.


भारत के आर्थिक विकास का पहिया है महाराष्ट्र- सीएम


देश के विकास में महाराष्ट्र की अहमियत को दर्शाते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र भारत के आर्थिक विकास अहम योगदान देने वाला राज्य है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र भारत के सबसे औद्योगिक राज्यों में से एक है, जो देश के औद्योगिक उत्पादन में 16 फीसदी और सकल घरेलू उत्पाद में 15 फीसदी का योगदान देता है. इसके साथ ही सेवा क्षेत्र का राज्य की अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक योगदान है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 62 फीसदी है, जबकि विनिर्माण क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 20 फीसदी है.


राज्य में उपलब्ध सुविधाओं से दुनिया कराया जाएगा अवगत


मुख्यमंत्री ने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार राज्य में निवेश के निवेश के अभूतपूर्व अवसर प्रदान करने और निवेश करने वाले समुदाय के लिए विश्वास निर्माण करने में अग्रणी राज्य है. दावोस में होने वाले समझौता ज्ञापन (MOU) राज्य में निवेशकों के बढ़े हित को दिखाता है. उन्होंने कहा कि मैंने अपनी सरकार के प्रगतिशील नीतिगत सुधारों को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है, इसकी वजह से महाराष्ट्र की चर्चा वैश्विक स्तर पर हो रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दावोस में एक बार फिर राजनीतिक नेताओं और वैश्विक निवेशकों को को ये बात बताने का काम करेंगे कि महाराष्ट्र एक प्रमुख निवेश गंतव्य.


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दो दिनों के दौरान लक्ज़मबर्ग, सऊदी अरब और सिंगापुर के प्रमुख राजनीतिक और सरकारी प्रतिनिधियों के साथ महाराष्ट्र की प्रगतिशील नीतियों और निवेशक-अनुकूल दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने का काम किया जाएगा. इसके साथ ही सीएम शिंदे महाराष्ट्र में निवेश के फायदे भी बताए जाएंगे. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ने WEF के साथ तीन वर्षीय प्लेटफॉर्म साझेदारी पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जो राज्य के लिए रणनीतिक महत्व के विषयों पर निरंतर जुड़ाव के लिए एक वाणिज्यिक अनुबंध है. इसका मुख्य फोकस शहरी परिवर्तन के भविष्य को आकार देने पर केंद्रित करते हैं. इसके तहत स्मार्ट और कनेक्टेड शहर, शहरी लचीलापन, शासन, बुनियादी ढांचा और सेवाएं और संसाधन प्रबंधन और नई अर्थव्यवस्थाएं और समाज, उद्यमशीलता, शिक्षा और कौशल, आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का काम किया जा रहा है. 


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महाराष्ट्र में मुख्य रूप से हैं ये उद्योग


महाराष्ट्र के प्रमुख उद्योगों में ऑटोमोबाइल, इंजीनियरिंग, कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, पेट्रोकेमिकल्स, खाद्य प्रसंस्करण और आईटी/आईटीईएस शामिल हैं. राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) राज्य सरकार की नोडल निवेश प्रोत्साहन एजेंसी है. इसकी स्थापना 1962 में राज्य सरकार के एक विशेष अधिनियम द्वारा महाराष्ट्र में संतुलित औद्योगिक विकास प्राप्त करने के लिए की गई थी. यह विशेष नियोजन निकाय है, जिसका संचालन स्थानीय कार्यालयों के विशाल नेटवर्क के जरिए किया जा रहा है. संगठन राज्यभर में 2.25 लाख एकड़ भूमि पर निर्मित 289 औद्योगिक पार्कों का प्रबंधन करता है.