Eknath Shinde Claim: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कहा कि ‘महायुति’ (महागठबंधन) के घटक दल अब अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव में राज्य की कुल 48 लोकसभा सीटों में से 45 को जीतने पर ध्यान केंद्रित करेंगे. महायुति में सत्तारूढ़ बीजेपी, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) शामिल हैं. समाजवादी विचारधारा वाली पार्टियों से संपर्क करने के लिए शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए शिंदे ने ठाणे में संवाददाताओं से कहा कि समाजवादी विचारधारा वाले नेताओं से हाथ मिलाने का कदम उनकी हिंदुत्व विचारधारा में ‘‘घालमेल’’ को दिखाता है.


सीएम शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना
ठाकरे ने रविवार को राज्य में समाजवादी विचारधारा वाली 21 पार्टियों के नेताओं को संबोधित करते हुए दावा किया था कि उनमें मुख्य रूप से वैचारिक मतभेद हैं, जिन्हें लोकतंत्र के वास्ते दूर किया सकता है. सेना (यूबीटी) नेता ने यह भी कहा था, ‘‘उनमें से कई मुस्लिम हो सकते हैं लेकिन वे राष्ट्रवादी हैं जो देश के लोकतंत्र की रक्षा करना चाहते हैं.’’ मुख्यमंत्री शिंदे मंगलवार और बुधवार की दरिम्यानी रात शहर में एक नवरात्र कार्यक्रम में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.


उनके और अन्य शिवसेना विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर शिंदे ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में बहुमत का महत्व है और राज्य विधानसभा में 50 विधायक हमारे साथ हैं, हम असली शिवसेना हैं और इसकी पुष्टि चुनाव आयोग ने की है. हमें न्यायपालिका और अदालत पर भरोसा है और जो भी फैसला होगा वह योग्यता और लोकतंत्र के आधार पर होगा.’’


कब गिरी थी MVA सरकार?
पिछले साल जून में शिंदे के नेतृत्व में हुए विद्रोह के कारण शिवसेना दो गुटों में विभाजित हो गई थी और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी. बाद में शिंदे ने भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई थी. इस साल जुलाई में एनसीपी नेता अजित पवार और उनकी पार्टी के आठ अन्य विधायक शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गये थे.


मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य से 45 सांसद निर्वाचित हों, महायुति के घटक दल यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे.’’ शिंदे ने यह भी कहा कि ‘‘आजाद शिव सैनिकों’’ की दशहरा रैली अगले सप्ताह मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित की जाएगी और विश्वास जताया कि यह सफल होगी. उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव आयोग ने आधिकारिक तौर पर हमें शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न धनुष-बाण दे दिया है.’’


दशहरा रैली पर क्या बोले?
उन्होंने कहा, ‘‘यह हिंदुत्व मिलावटी नहीं है. हमारे विचार बालासाहेब के हिंदुत्व वाले हैं और इसलिए यह दशहरा रैली बालासाहेब के विचारों का संदेश देगी.’’ विपक्ष के इस दावे पर कि उनकी सरकार गिर जाएगी, शिंदे ने कहा कि ऐसा कभी नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार मजबूत हो गई है और 200 से अधिक विधायक हमारे साथ हैं. सरकार पूरे जोश के साथ काम कर रही है.’’


ठाकरे गुट पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने समाजवादी समूहों के साथ हाथ मिलाया है और यह आश्चर्य की बात नहीं होगी अगर वे असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के साथ भी हाथ मिला लें.


उन्होंने कहा, ‘‘यह वैचारिक पतन है. केवल सत्ता के लिए 2019 में उठाये उनके कदम को पूरे देश ने देखा है. हम उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं?’’ शिंदे ने यह भी कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करना और इसके लाभार्थियों की मौजूदा संख्या को 60 लाख से बढ़ाकर दो करोड़ करना है.


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