Manoj Jarange: मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नवी मुंबई में उनसे मुलाकात करने के बाद शनिवार को अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी. मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं के लिए ये एक बड़ी खबर है. जरांगे ने अपनी मांगों को लेकर एक दिन पहले भूख हड़ताल शुरू की थी. शिंदे ने जरांगे से नवी मुंबई के वाशी में मुलाकात की.
क्या बोले सीएम एकनाथ शिंदे?
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे कहते हैं, ''मैं एक किसान का बेटा हूं और मुझे पता है कि कैसा महसूस होता है, मैंने मराठों को आरक्षण देने का वादा किया था और मैंने अपना वादा पूरा किया है, यह एक ऐतिहासिक क्षण है.'' हम वोट के लिए कभी कोई निर्णय नहीं लेते, हम जनहित के लिए निर्णय लेते हैं. आज आप सभी की जीत का दिन है, हमने सभी मांगें मान ली हैं..."
मनोज जरांगे ने क्या कहा?
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल कहते हैं, ''यह संघर्ष मराठों के लिए आरक्षण के लिए था, हम यहां 54 लाख कुनबी प्रमाण पत्र देने के लिए आए थे, हम पिछले चार महीनों से संघर्ष कर रहे हैं, मेरी पीढ़ी ने इस आरक्षण के लिए संघर्ष किया है. 300 से अधिक लोगों ने आत्महत्या की. हम ओबीसी और मराठों के बीच कोई दरार नहीं आने देंगे, लेकिन वे हमारे बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं होगा.' ओबीसी और मराठों के बीच बहुत प्यार है, हम सब एक साथ हैं..."
मनोज जरांगे ने खत्म किया अनशन
जरांगे ने मुख्यमंत्री द्वारा जूस पिलाए जाने के बाद अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल समाप्त कर दी. जरांगे (40) ने शुक्रवार से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल करने की योजना बनाई थी जिसके बाद उनकी मांगों पर चर्चा के लिए सरकारी अधिकारियों ने शुक्रवार को वाशी में उनके साथ कई बैठकें कीं. महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार रात जरांगे की विभिन्न मांगों के संबंध में उन्हें एक मसौदा अध्यादेश भेजा था.
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