Manoj Jarange: मनोज जरांगे ने मराठा आरक्षण को लेकर कहा कि, वरिष्ठ अधिकारी काम कर रहे हैं. लेकिन, कनीय अधिकारी रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराते हैं. जरांगे ने सीधे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से पूछा कि उस समिति का क्या उपयोग है. मराठा आरक्षण के लिए उपसमिति की बैठक करने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अधिकारियों ने मनोज जरांगे के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. इस दौरान जरांगे ने एक आग्रह प्रस्तुत किया.


मनोज जरांगे ने की ये अपील
मुख्यमंत्री शिंदे के साथ बैठक में मनोज जरांगे ने कहा कि भूख हड़ताल खत्म होने पर जो बातें तय हुई थीं. आपकी बात अंतिम मानी गयी और अनशन खत्म कर दिया गया. जिस व्यक्ति का रिकार्ड मिले उसके पूरे परिवार को आरक्षण दिया जाए. हमने कहा था कि त्र्यंबकेश्वर से कालाराम मंदिर, भट तक रिकॉर्ड ले जाएं. आपकी बात पर 7 महीने का समय दिया गया है. मराठवाड़ा में रिकॉर्ड की जांच नहीं की गई. कमेटी नियुक्त हुई लेकिन निचले अधिकारी रिकार्ड नहीं देते. मनोज जरांगे ने पूछा कि शिंदे कमेटी तो काम कर रही है लेकिन अधिकारी जातिवाद क्यों कर रहे हैं.


सीएम शिंदे ने लिया संज्ञान
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मनोज जरांगे की शिकायत पर संज्ञान लिया. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर अधिकारी सबूत नहीं देते हैं तो हमें उस अधिकारी का नाम बताएं. पूरे मराठवाड़ा में सभी गांवों के रिकॉर्ड की जांच की जाएगी. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सभी संभागीय आयुक्तों को निर्देश दे दिये गये हैं. मराठा आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में सह्याद्री गेस्ट हाउस में मराठा आरक्षण और सुविधाओं पर कैबिनेट उप समिति की बैठक हुई. इस बैठक में उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, उप मुख्यमंत्री अजित पवार, कैबिनेट उप समिति के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और अन्य सदस्य उपस्थित थे.


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