Maharashtra-Karnataka Border Dispute: महाराष्ट्र और कर्नाटक में जारी सीमा विवाद के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) का बड़ा बयान आया है. सीमा विवाद पर एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र में विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं. विपक्षी पार्टियां मुख्यमंत्री पर हमला कर सवाल पूछ रही हैं. इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विरोधियों को राजनीति नहीं करने की सलाह दी है. एकनाथ शिंदे ने कहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित (Amit Shah) ने हमारी अपील पर मध्यस्थता की है और पहली बार सीमा विवाद मुद्दे को गंभीरता से लिया गया है.


मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का आया बड़ा बयान


महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, "हम मजबूती से सीमा पर रह रहे लोगों के साथ खड़े हैं. किसी को इस मुद्दे पर राजनीति करने की जरूरत नहीं है." मुख्यमंत्री का बयान शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के हमले पर आया है. उन्होंने गुरुवार को कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की महाराष्ट्र और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों के साथ सीमा विवाद पर बैठक बेनतीजा रही. उद्धव ठाकरे ने सवाल उठाते हुए पूछा था कि बैठक से क्या नतीजा निकला?






कर्नाटक-महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद का मुद्दा


उन्होंने कर्नाटक का पक्ष लेने का आरोप लगाया. उन्होंने जानना चाहा था कि "बेलगावी, कारवार, निपानी और आसपास के अन्य क्षेत्र (उत्तरी कर्नाटक के) महाराष्ट्र में शामिल होने की मांग का कोई जवाब क्यों नहीं है." गौरतलब है कि दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद का मुद्दा काफी गर्मा गया था. बुधवार को संसद भवन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई थी.


बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai), महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस (Devendra Fadnavis) भी शामिल हुए. बैठक के बाद अमित शाह ने कहा था कि दोनों राज्यों सीमा विवाद को राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाएं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए. कमेटी बनाई गई है. कमेटी और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार करें.


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