Maharashtra News: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने अपनी साधारण पृष्ठभूमि का हवाला देते हुए शिवसेना (Shiv Sena) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर रविवार को परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि वे शासन करने के लिए पैदा हुए हैं लेकिन उन्हें गर्व महसूस करना चाहिए कि एक आम आदमी मुख्यमंत्री बना है. शिंदे ने यह भी कहा कि शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने का उनका निर्णय ‘‘ऐतिहासिक’’ था और उनका हिंदुत्व ‘‘समावेशी विकास’’ सुनिश्चित करेगा.
शिंदे ने पंढरपुर में एक रैली में कहा, ‘‘मैं चांदी का चम्मच लेकर पैदा नहीं हुआ. मैं आप में से ही हूं. कुछ लोग सोचते हैं कि वे शासन करने के लिए ही पैदा हुए हैं. उन्हें गर्व महसूस होना चाहिए कि एक आम आदमी ने (मुख्यमंत्री की) कुर्सी संभाली है. हमारे पास शासन करने के लिए बहुमत है. हमने कुछ भी अवैध नहीं किया है.’’ मुख्यमंत्री ने परंपरा के तहत आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर भगवान विट्ठल मंदिर में पूजा की. ठाणे के रहने वाले शिंदे जीविकोपार्जन के लिए ऑटोरिक्शा चलाते थे. शिंदे ने उद्धव ठाकरे के समर्थकों पर भी कटाक्ष किया, जिनमें से कुछ ने दावा किया था कि पार्टी द्वारा कई जिम्मेदारियां दिए जाने के बावजूद उन्होंने शिवसेना को धोखा दिया.
शिंदे ने कहा कि पार्टी में शाखा प्रमुख से राज्य के शीर्ष पद (मुख्यमंत्री) पर उनका पहुंचना (ठाणे के शिवसेना नेता) आनंद दिघे और (शिवसेना संस्थापक) बालासाहेब ठाकरे के आशीर्वाद के कारण संभव हुआ.’’ शिंदे ने कहा, ‘‘मैंने राजनीतिक रूप से मुझे चोट पहुंचाने के सभी प्रयासों का सामना किया है. मैं किसी की आलोचना नहीं करना चाहता और सबकुछ सार्वजनिक नहीं करना चाहता.’’ उन्होंने कहा कि बाल ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा अन्य धर्मों से नफरत करने के बारे में नहीं थी.
उन्होंने महा विकास आघाड़ी के घटक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के संदर्भ में कहा कि शिवसेना के विधायकों को हराने के लिए दोनों दल अपने पराजित उम्मीदवारों को मजबूत करके शिवसेना को नुकसान पहुंचा रहे हैं. शिंदे ने कहा, ‘‘इसके अलावा, पिछले ढाई वर्षों में हम उन लोगों के खिलाफ नहीं बोल पाए जिन्होंने (हिंदुत्व विचारक) वीर सावरकर का अपमान किया. उन मंत्रियों के खिलाफ भी नहीं बोल सके जिनके (भगोड़े गैंगस्टर) दाऊद इब्राहिम (राकांपा के नवाब मलिक के खिलाफ आरोप) के साथ संबंध थे.’’
शिंदे ने कहा, ‘‘मैं कम बोलूंगा पर काम ज्यादा करूंगा. हम बालासाहेब और आनंद दिघे के शिवसैनिक हैं. हमारा हिंदुत्व समावेशी विकास का है. मैं भले मुख्यमंत्री हूं लेकिन सेवक और कार्यकर्ता के रूप में काम करूंगा.’’ शिंदे ने अधिकारियों से राज्य में पुलिस थानों के निर्माण में ‘‘ठाणे मॉडल’’ का पालन करने के लिए भी कहा. मुख्यमंत्री ने ठाणे मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि थानों में सभी सुविधाएं कॉरपोरेट सुविधाओं के समान हैं. इन थानों का निर्माण विभिन्न योजनाओं से प्राप्त सरकारी धन से किया गया है.