Eknath Shinde target Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान मुंबई नगर निकाय में कथित घोटालों की जारी जांच का जिक्र करते हुए यहां राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार पर तीखा हमला बोला. शिंदे ने यहां राज्य विधानसभा में विपक्ष द्वारा पेश किए गए ‘पिछले सप्ताह के प्रस्ताव’ पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि ‘‘ताबूत चोरों और खिचड़ी चोरों’’ की पूर्ववर्ती सरकार ने निविदाओं के लिए अपनी ईमानदारी का त्याग कर दिया.


उद्धव ठाकरे ने साधा निशाना
महामारी के दौरान उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब उनके नेतृत्व वाली तत्कालीन अविभाजित शिवसेना का बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) पर नियंत्रण था. शिंदे ने कहा, ‘‘कोविड-19 के दौरान भ्रष्टाचार की कहानियों ने ‘अलिफ लैला’ की कहानियों को भी मात दे दी है और ये कहानियां अब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की जांच में सामने आ रही हैं.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान एक उप-ठेकेदार ने मुंबई में प्रवासी श्रमिकों को 100 ग्राम खिचड़ी 16 रुपये में (बीएमसी पहल के तहत) वितरित की, जबकि 300 ग्राम खिचड़ी के लिए निर्धारित कीमत 33 रुपये थी.


मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बीएमसी के कोविड-19 अनुबंधों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए और धारावी पुनर्विकास परियोजना में अदानी समूह को दी गई रियायतों का बचाव करते हुए, ठाकरे परिवार पर हमला बोला. शिंदे ने आरोप लगाया कि ठाकरे गुट के एक नेता के कहने पर एक प्रमुख कंपनी को ठेका दिया गया और कंपनी को ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने का कोई अनुभव नहीं था. उन्होंने खिचड़ी पैकेट और रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद को लेकर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. शिंदे का आक्रामक रुख उनकी सरकार पर ठाकरे गुट के हमलों के बाद आया है.


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