Maharashtra Politics: सीएम एकनाथ शिंदे ने चली बड़ी चाल, अगर ऐसा हुआ तो उद्धव ठाकरे को भी मानना होगा ये आदेश
Maharashtra Budget 2023: महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो चुका है. सीएम शिंदे ने उपाध्यक्ष डॉ. नीलम गोरे को एक पत्र दिया है. इसमें कहा है, बिप्लव गोपीकिशन बाजोरिया को कुलपति चुना गया है.
Maharashtra Assembly Session: महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो चुका है और दूसरे दिन भी बड़े घटनाक्रम के संकेत मिल रहे हैं. ठाकरे गुट के संकट में पड़ने से पहले ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बड़ी चाल चली है. विधानसभा के बाद अब विधान परिषद में उनके सुर बदल गए हैं. एबीपी मांझा के अनुसार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ने उपाध्यक्ष डॉ. नीलम गोरे को एक पत्र दिया गया है. उन्होंने एक पत्र दिया है जिसमें कहा गया है कि बिप्लव गोपीकिशन बाजोरिया को कुलपति चुना गया है. अगर शिंदे गुट में शिवसेना की नियुक्ति होती है तो उद्धव ठाकरे को खुद एकनाथ शिंदे का 'आदेश' मानना होगा.
चुनाव आयोग के फैसले का असर
चुनाव आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह शिवसेना को नाम और चुनाव चिन्ह दिए जाने के बाद अब इसका राजनीतिक असर विधानसभा सत्र में देखने को मिल रहा है. शिवसेना में फूट के बाद विधानसभा के 40 विधायक शिंदे गुट में शामिल हो गए. लिहाजा विधान परिषद में अधिकांश विधायक एकनाथ शिंदे के साथ थे. ठाकरे समूह से सुनील प्रभु और शिंदे समूह से भरत गोगावले विधानसभा के उम्मीदवार हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद और स्पष्टता आएगी. ऐसे में अब एकनाथ शिंदे के पत्र के बाद एक बड़ी दुविधा पैदा होने वाली है.
सीएम शिंदे ने डिप्टी स्पीकर नीलम गोरे को पत्र भेजा
विधान परिषद में शिवसेना का प्रतिनिधि नियुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने डिप्टी स्पीकर नीलम गोरे को पत्र भेजा है. शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायक दल की बैठक में बिप्लव गोपीकिशन बाजोरिया को प्रतोद पद के लिए चुनने का प्रस्ताव पारित किया गया. विधान परिषद के उपसभापति को पत्र दिया गया. शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में एकनाथ शिंदे ने यह पत्र प्रतोद को विधान परिषद में नियुक्त करने के लिए दिया है. अगर बाजोरिया प्रतोदा चुने जाते हैं तो शिवसेना ठाकरे गुट के विधान परिषद के विधायकों को नए प्रतोदा का व्हिप मानना होगा, नहीं तो कार्रवाई लटकी रहेगी.
शिंदे के इस कदम से पहले ठाकरे गुट ने निकाली भड़ास
बजट सत्र में ठाकरे गुट मुख्यमंत्री के खिलाफ मार्च निकाल रहा है. महाविकास अघाड़ी के पास विधान परिषद में अधिक ताकत होने के कारण ठाकरे समूह मुख्यमंत्री को संकट में डालने की कोशिश कर रहा है. उसके लिए अन्य घटक दलों से बातचीत चल रही थी.
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