(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
महाराष्ट्र में 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन' योजना के लिए आदेश जारी, जानें कितनी होनी चाहिए पारिवारिक आय?
Ladki Bahin Yojana: सरकारी आदेश के अनुसार लाभार्थी महिला का बैंक में खाता, आधार कार्ड या राशन कार्ड होना चाहिए और उसे राज्य का निवासी होना चाहिए. साथ ही उसकी वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख हो.
Maharashtra Majhi Ladki Bahin Yojana: महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी एक सरकारी प्रस्ताव में कहा गया है कि ‘मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना’ के लाभार्थियों की वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार (28 जून) को विधानसभा में राज्य का बजट पेश करते वक्त इस योजना की घोषणा की थी. इस योजना का उद्देश्य 21-60 आयु वर्ग की विवाहित, तलाकशुदा और हेल्पलेस महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह देना है.
इस संबंध में सरकारी आदेश 28 जून को जारी किया गया, जिसके अनुसार लाभार्थी महिला का बैंक में खाता होना चाहिए. उसके पास आधार कार्ड या राशन कार्ड होना चाहिए और उसे राज्य का निवासी होना चाहिए. सरकारी आदेश में कहा गया कि लाभार्थी को सक्षम प्राधिकारी से 2.5 लाख रुपये (वार्षिक पारिवारिक आय मानदंड) का आय प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा. इसके बाद वो ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं.
ये महिलाएं नहीं भर सकती फॉर्म
आंगनवाड़ी सेविका और ग्राम सेवक ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन फॉर्म स्वीकार करेंगे, सत्यापित करेंगे और पोर्टल पर अपलोड करेंगे. जबकि शहरी क्षेत्रों में आंगनवाड़ी सेविका और वार्ड अधिकारी इस पर काम करेंगे. सरकारी आदेश के अनुसार, अंतिम मंजूरी जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति देगी, जो महिलाएं ऑनलाइन फॉर्म नहीं भर सकतीं उनकी मदद आंगनवाड़ी सेविका करेंगी.
सरकारी विभाग से जुड़ीं या सरकारी पेंशन पा रहीं या किसी अन्य सरकारी योजना से 1,500 रुपये से अधिक राशि प्राप्त कर रहीं महिलाएं इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगी. इस योजना का मकसद महिलाओं का समग्र विकास और सशक्तिकरण सुनिश्चित करना है, जिसमें आर्थिक स्वतंत्रता, आत्मनिर्भरता, स्वास्थ्य तथा पोषण शामिल है.
वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे पवार ने विधानसभा में अपने बजट भाषण में कहा कि 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन' योजना को जुलाई महीने से लागू किया जाएगा. राज्य में अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से चार महीने पहले इसे लागू किया जाना है. उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए सालाना बजटीय आवंटन 46,000 करोड़ रुपये किया जाएगा.