Maharashtra CM And MP CM To Talk: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे के बिना स्थानीय निकाय चुनाव कराने पर महाराष्ट्र (Maharashtra) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मामले में समान आदेश जारी किया है. जिसके बाद, बुधवार को महाराष्ट्र राज्य मंत्रिमंडल में यह निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray), मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) से रास्ता निकालने के लिए बात करेंगे.


महाराष्ट्र के लिए इसी तरह का आदेश देने के कुछ दिनों बाद, SC ने मंगलवार को चिंता व्यक्त की थी कि मध्य प्रदेश में 23,000 से अधिक स्थानीय निकाय दो साल से अधिक समय से निर्वाचित प्रतिनिधियों के बिना काम कर रहे थे और राज्य चुनाव आयोग (SEC) को दो सप्ताह के भीतर चुनावों को अधिसूचित करने का निर्देश दिया था.


महाराष्ट्र कैबिनेट में सीएम शिवराज से बात को लेकर हुई चर्चा


सरकार के सूत्रों ने बताया कि ओबीसी कोटे का मुद्दा मंत्रियों ने कैबिनेट बैठक में उठाया था. बकौल इंडियन एक्सप्रेस एक मंत्री ने कहा, "चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मामले में इसी तरह के आदेश दिए हैं, इसलिए हमने सीएम से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात करने का आग्रह किया." सूत्रों ने कहा कि जिन विकल्पों पर विचार किया जा सकता है उनमें से एक SC के समक्ष एक समीक्षा याचिका दायर करना है, लेकिन ऐसा निर्णय चौहान के साथ चर्चा के बाद ही लिया जा सकता है.


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राज्य चुनाव आयोग पर सहयोग नहीं करने का आरोप


मंत्री ने कहा कि कैबिनेट ने महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे पर भी नाराजगी और चिंता व्यक्त की. एसईसी ने अपने हलफनामे में चुनावी कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा है कि वह सितंबर और अक्टूबर में चुनाव कराएगा. हलफनामे में यह भी उल्लेख किया गया है कि एसईसी जुलाई में स्थानीय निकायों की आरक्षण लॉटरी आयोजित करेगा, लेकिन ओबीसी का उल्लेख नहीं किया. हलफनामे में इन बातों का जिक्र करने की जरूरत नहीं थी. यह अनावश्यक था. एसईसी हमारे साथ सहयोग नहीं कर रहा है."


सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात


हलफनामे के अनुसार, एसईसी ने सुप्रीम कोर्ट से जुलाई में वार्ड गठन, एससी, एसटी और महिलाओं के आरक्षण के लिए लॉटरी के साथ-साथ मतदाता सूचियों के विभाजन जैसी प्रक्रियाओं को पूरा करने की अनुमति देने का आग्रह किया है. इसने अदालत से सितंबर में शहरी स्थानीय निकायों और अक्टूबर में ग्रामीण स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की अनुमति देने का भी आग्रह किया. सुप्रीम कोर्ट ने 4 मई को एसईसी से दो सप्ताह में स्थानीय निकायों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने को कहा.


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