Maharashtra: महाराष्ट्र कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं, एक चिट्ठी ने खड़े किए सवाल, जानें- किसने किसकी 'शिकायत' की?
Balasaheb Thorat letter to Mallikarjun Kharge: नासिक में कांग्रेस समर्थित एमएलसी प्रत्याशी की हार से महाराष्ट्र कांग्रेस का अंतर्कलह बाहर आ गया. बालासाहेब थोराट ने कांग्रेस अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी है.
Maharashtra News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट (Balasaheb Thorat) ने महाराष्ट्र कांग्रसे के प्रमुख नाना पटोले (Nana Patole) के साथ काम करने में असमर्थता जताते हुए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को पत्र लिखा है. ऐसा उनके प्रति पटोले की नाराजगी की वजह से है. थोराट के एक सहयोगी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) को लिखे अपने पत्र में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रमुख और राज्य के पूर्व मंत्री थोराट ने यह भी कहा है कि यहां फैसले लेने से पहले उनसे सलाह नहीं ली जाती है.
सत्यजीत तांबे की जीत से हुई कांग्रेस शर्मिंदा?
यह मामला तब सामने आया है जब थोराट के बहनोई और नासिक के तत्कालीन एमएलसी सुधीर तांबे ने कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार होने के बावजूद चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया और अपने बेटे सत्यजीत तांबे को निर्दलीय चुनाव लड़वाया. दो फरवरी को परिणाम घोषित हुआ और सत्यजीत तांबे चुनाव जीत गए. सूत्रों ने बताया कि जहां इस प्रकरण के कारण कांग्रेस को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, वहीं कंधे की चोट से उबर रहे थोराट की चुप्पी को ताम्बे पिता-पुत्र की जोड़ी के मौन समर्थन के रूप में देखा गया.
बालासाहेब थोराट ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखा पत्र
हालांकि, थोराट ने 30 जनवरी को होने वाले चुनावों में सत्यजीत तांबे के अभियान में भाग नहीं लिया लेकिन थोराट के कई रिश्तेदार मौजूद थे. एमएलसी चुनाव में हुए इस उलट पलट के लिए कांग्रेस ने सुधीर तांबे और सत्यजीत तांबे को पार्टी से निलंबित कर दिया है. थोराट ने कांग्रेस नेतृत्व को लिखे अपने पत्र में प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के साथ काम करने में असमर्थता जताते हुए कहा है कि अगर पटोले को उनके खिलाफ इतना गुस्सा है तो उनके साथ काम करना मुश्किल होगा. थोराट के करीबी ने यह भी दावा किया कि निर्णय लेने के दौरान उनसे सलाह नहीं ली जा रही है.
अहमदनगर जिला कांग्रेस समिति को कर दी थी भंग
पत्र का हवाला देते हुए सहयोगी ने बताया कि थोराट ने यह भी कहा है कि प्रदेश के पार्टी नेतृत्व ने उनका अपमान किया और ताम्बे के मुद्दे पर उनके परिवार के खिलाफ बयान दिए गए. खड़गे को लिखे पत्र में आगे कहा गया है कि अहमदनगर के कुछ पदाधिकारियों को इस मुद्दे पर दंडित किया गया था. पटोले ने 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' को देखते हुए 26 जनवरी को कांग्रेस की अहमदनगर जिला समिति को भंग कर दिया था, क्योंकि इसके कुछ सदस्यों ने कांग्रेस के आधिकारिक रूप से समर्थित उम्मीदवार के बजाय सत्यजीत तांबे के लिए प्रचार किया था.
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