Maharashtra Congress Internal Dispute: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन दल महाविकास अघाड़ी प्रचंड जीत की उम्मीद कर रहा था, लेकिन हुआ इसका कुछ उल्टा ही. कांग्रेस केवल 16 विधानसभा सीटें पाने में ही कामयाब रही. वहीं, उद्धव सेना 20 और शरद पवार 10 सीटों पर ही जीत पा सकीं. इस बीच अब कांग्रेस में अंदरूनी कलह दिखने लगी  है. 


इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिन नेताओं के 'भावी मुख्यमंत्री' के पोस्टर लगे थे, वो विधायक तक नहीं बन पाए. ऐसे में पार्टी की अंदरूनी कलह और गुटबाज़ी दिखने लगी है. महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कई नेताओं को पार्टी विरोधी काम करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.


पूर्व NSUI अध्यक्ष को जारी हुआ नोटिस
दरअसल, मुंबई के चांदीवली विधानसभा के अंतर्गत कांग्रेस के उम्मीदवार और कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान के चुनाव हारने के बाद उनकी शिकायत पर पूर्व NSUI अध्यक्ष सूरज सिंह ठाकुर और यूथ कांग्रेस नेता चंद्रेश दुबे को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. चौंकाने वाली बात यह है कि यह नोटिस चुनाव से एक महीने पहले 24 अक्टूबर को जारी किया गया लेकिन इन नेताओं को इस नोटिस की सूचना अखबारों के माध्यम से लगी.


पत्र में लिखा गया है कि विधानसभा चुनाव में नसीम खान के विरोध में काम करने के लिए कांग्रेस के कुछ नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है. अब इस पर सूरज सिंह ठाकुर ने 4 पन्नों का जवाब कांग्रेस कमेटी को सौंपा है.


नसीम खान पर लगाए गंभीर आरोप
सूरज सिंह ठाकुर ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर जवाब देते हुए लिखा है कि वह उम्मीदवार 'नसीम खान प्राइवेट लिमिटेड' के कार्यकर्ता नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के कार्यकर्ता हैं. सूरज सिंह ठाकुर ने पत्र में आरोप लगाया कि नसीम ख़ान ने खुद लोकसभा चुनाव में वर्षा गायकवाड़ और उसके पहले प्रिया दत्त का विरोध किया था.


वहीं, सूरज सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि नसीम खान ने 20 साल (1999-2019) विधायक रहते हुए कांग्रेस का एक नगरसेवक चुनकर नहीं दिया. इतना ही नहीं, सूरज ठाकुर का आरोप है कि वह कांग्रेस के टिकट पर इच्छुक उम्मीदवार थे और इसलिए नसीम खान ने साजिश के तहत उन पर पार्टी विरोधी काम करने का आरोप लगाया.


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